बरेली। बिजली विभाग में सरकार की मंशा पर बट्टा लगाते हुए बाबू दो दशक से एक ही कार्यालय में मलाईदार सीट संभाल रहा है। मुख्यमंत्री से बाबू की शिकायत हुई और गुपचुप तरीके से शिकायत को बंद कर दिया गया।

शिकायतकर्ता की आपत्ति के बाद दोवारा जांच और सिफारिशी दौर शुरू हो गया। बताया जाता है कि बाबू की पैंतरेबाजी में कुछ अधिकारी भी शामिल हैं, क्योंकि वर्षों से एक ही जगह जमा मठाधीश अधिकारियों की रहनुमाई कर उन्हें शीशे में उतार लेता है।
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मध्यांचल विद्युत वितरण खंड के मुख्य अभियंता कार्यालय में तैनात बाबू राजीव कश्यप की शिकायत मुख्यमंत्री से हुई है। आरोप है कि राजीव कश्यप ने पैसे के दम पर शिकायत को बंद करा दिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि मुख्य अभियंता कार्यालय में तैनात राजीव कश्यप पिछले दो दशक से अधिक समय से एक ही कार्यालय में तैनात हैं और इन्होंने अपनी तैनाती के दौरान करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित कर ली है।
शिकायत के बाद पावर कारपोरेशन में हड़कंप मच गया है। बताया जाता है कि राजीव कश्यप की कुर्सी हिलने लगी हैं। अपना ट्रांसफर कहीं दूर होने से परेशान राजीव कश्यप ने जनप्रतिनिधियों और नेताओं की शरण लेना शुरू कर दिया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसके पास शिकायत वापस लेने के लिए एक जनप्रतिनिधि का नाम लेकर कुछ लोग फोन कर रहे हैं और शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। वहीं व्यापार मंडल से जुड़े एक बड़े पदाधिकारी ने भी शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया है।
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करने में जुटे हैं और एक निर्धारित समय के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों के पटल परिवर्तन के लिए प्रयासरत हैं। वहीं पावर कारपोरेशन के अफसर इन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, तो वहीं जनप्रतिनिधि भी अपने चाहतों को बचाने में लगे हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई शिकायत के बाद न सिर्फ राजीव कश्यप बल्कि कई दूसरे बाबू जो दशकों से एक ही सीट पर जमें है उनके लिए भी मुसीबत खड़ी हो सकती है।