बरेली। रिश्वत लेने के मामले में सब डिविजनल इंजीनियर (एसडीई) शाहदाना आखिरकार 5 महीने के बाद निलंबित कर दिया गया है। घूसखोरी के आरोपी गौरव शर्मा को मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (Madhyanchal Vidyut Vitaran Nigam) के एमडी भवानी सिंह खंगारौत ने निलंबित कर दिया गया। निलंबन के दौरान आरोपी एसडीई गौरव शर्मा को मुख्य अभियंता कार्यालय बरेली से अटैच किया गया है।
इस मामले में गौरव शर्मा (SDE Shahdana Gaurav Sharma) अकेले आरोपी नहीं हैं। दरअसल, एंटी करप्शन की टीम ने शाहदाना उपकेंद्र पर तैनात एक संविदा कर्मचारी अरविंद कुमार को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में संविदा कर्मचारी ने बताया था कि एसडीओ गौरव शर्मा के कहने पर उसने रिश्वत ली थी। इसके बाद एंटी करप्शन की तरफ से शहर कोतवाली में एसडीई गौरव शर्मा और संविदा कर्मी अरविंद कुमार के खिलाफ 23 फरवरी को रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
मामले में सामने आया कि संविदा कर्मी अरविंद कुमार ने नवादा शेखान निवासी राकेश कुमार का बिजली कनेक्शन काट दिया था। राकेश पर लगभग 1.50 लाख रुपये का बिल बकाया था। राकेश ने एकमुश्त समाधान योजना में पंजीकरण के बाद 1.10 लाख रुपये जमा कर दिए। हालांकि आरोप है कि इसके बाद कनेक्शन जोड़ने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के नाम पर संविदा कर्मी ने राकेश से बीस हजार रुपये की रिश्वत मांगी।
इसकी शिकायत एंटी करप्शन विभाग (Anti Corruption Department) में की गई थी। बाद में एंटी करप्शन की ट्रैप टीम (Anti Corruption Trap Team) ने संविदाकर्मी अरविंद को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। अरविंद ने बयान दिया था कि एसडीई के कहने पर उसने कनेक्शन काटा था और घूस ली थी। अरविंद को तो गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था लेकिन एसडीई गौरव शर्मा की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। घटना के बाद से ही एसडीई बिना सूचना दिए फरार चल रहे थे।
इस प्रकरण को मुख्य अभियंता ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी के पास भेजा था। अब एमडी ने एसडीई गौरव शर्मा को निलंबित कर दिया है।