देवरनियां। चार दिन पूर्व दहेज के लिए जलाई गयी महिला की हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं पुलिस ने इस मामले मे सास और जेठानी को जेल भेज दिया है जबकि अन्य आरोपी फरार हैं। देवरनियां पुलिस पर आरोप लग रहे हैं कि तीन दिन तक मामले को दबाने चक्कर मे रिपोर्ट दर्ज ही नहीं की। पीडिता के बयान की वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की।
शु्क्रवार की रात को कस्बा देवरनियां के वार्ड 13 निवासी आरिफ की पत्नी समरीन को ससुरालियों ने जला दिया था। पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे जिला अस्पताल मे भर्ती कराया था। पीडिता के मायके वाले उसी रात तहरीर लेकर देवरनियां थाने पहुंचे। पीडिता के पिता का आरोप है कि पुलिस खुद आग लगाने की बात कहकर मामले को दबाने मे लगी रही। पीडिता के बयान की वीडियो वायरल होने के बाद आनन-फानन मे पीडिता के पिता की तहरीर पर 15 आरोपियों के खिलाफ सोमवार रात रिपोर्ट दर्ज कर ली गयी।
पुलिस ने मंगलवार को हिरासत मे ली गयी पीडिता की सास और जेठानी को न्यायालय मे पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। जबकि अन्य आरोपियों फरार हो गये हैं। इंस्पेक्टर देवेन्द्र सिंह धामा का कहना है कि फरार आरोपियों की तलाश मे दबिशें दी जा रही हैं।
सीबीगंज की घटना से भी देवरनियां पुलिस ने नहीं लिया सबक
कुछ दिन पूर्व सीबीगंज मे एक छात्रा को रेलवे ट्रैक पर फेंकने के मामले मे पुलिस द्वारा बरती गयी ढिलाई पर महकमे की काफी किरकिरी हुई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अफसरों की फटकार लगाई। जिसके बाद अफसरों के एक्शन मे आने के बाद मामले मे तेजी से कार्रवाई हुई। मगर देवरनियां पुलिस ने इससे सबक न लेते हुए दहेज के लिए जलाई गयी महिला के मामले मे तीन दिन तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की। महिला के बयान की वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की।
पहले इंस्पेक्टर बोल रहे कि खुद लगाई आग
इंस्पेक्टर देवेन्द्र सिंह धामा शुरुआत मे पीडिता द्वारा खुद आग लगाने की बात कह रहे थे। इससे साफ जाहिर है कि वह आरोपियों को बचाने मे लगे थे। यही वजह है कि तीन दिन तक मामले को दर्ज नहीं किया गया।
मामले मे पीडिता की सास और जेठानी को जेल भेज दिया गया है। बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है। पुलिस पर लग रहे आरोप निराधार हैं। पीडिता के परिजनों ने तहरीर नहीं दी थी इस वजह से रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी।
देवेन्द्र सिंह धामा, इंस्पेक्टर देवरनियां