Saturday, July 5, 2025

UP Transfer Policy बरेली में बेपटरी…. 22 साल से जमा कर्मचारी ट्रांसफर के बाद भी अंगद की तरह जमाए है पैर

लोकतंत्र टुडे संवाददाता

UP Transfer Policy। Bareilly News: प्रदेश में तबादला उद्योग की कमर तोड़ने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लंबे समय से एक ही जगह डटे कर्मचारियों के तबादले कर उन्हें तत्काल नए तैनाती स्थल पर ज्वाइन करने के आदेश जारी किए थे लेकिन बरेली सीडीओ के स्टेनो विकास कुमार ने इस आदेश को हवा में उड़ा दिया। उनका तबादला हुए दस दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन वह ज्वाइन करने गाजियाबाद नहीं पहुंचे, बल्कि वह अपना तबादला रुकवाने के लिए अफसरों और जनप्रतिनिधियों की शरण में हैं।

प्रदेश में मलाईदार सीट पर पोस्टिंग कराने के एवज में होने वाली वसूली एक उद्योग के रूप में पनप चुकी है। मलाईदार सीट पाने के लिए अधिकारी-कर्मचारी मोटी रकम देने से भी गुरेज नहीं करते। प्रदेश में चल रहे तबादला उद्योग की जानकारी शासन तक पहुंची तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस उद्योग की कमर तोड़ने के लिए कर्मचारियों के ट्रांसफर करते हुए उन्हें तत्काल नए तैनाती स्थल पर ज्वाइंन करने का आदेश दिया। आदेश में यह भी कहा गया कि अगर रिलिवर नहीं भी है तो भी उन्हें नए तैनाती स्थल पर तुरंत ज्वाइन करना होगा।

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तबादला रुकवाने के लिए जनप्रतिनिधियों की शरण में

UP Transfer Policy के तहत बरेली में भी तमाम विभागों के कर्मचारियों के तबादले किए गए, इनमें से विकास भवन में तैनात सीडीओ के स्टेनो विकास कुमार, जोकि विभाग में विकास सक्सेना नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने अब तक ज्वाइन नहीं किया है। वह अपना तबादला रुकवाने के लिए अफसरों और जनप्रतिनिधियों से सिफारिश लगवाने में जुटे है ताकि किसी तरह तबादला रुक जाए। स्टेनो का तबादला रुकवाने के लिए तमाम नेता और अफसर पैरवी भी कर चुके हैं।

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22 साल से एक ही सीट पर जमे, अब जलवा कम होने का मलाल

विकास कुमार की मूल तैनाती डीडीओ के लेखाकार अकाउंटेंट पर है लेकिन वह सीडीओ के यहां अटैच हैं। करीब 22 साल से वह यहीं डटे हुए हैं। सीडीओ आफिस में रहने के दौरान उन्होंने अपनी जड़ें शासन-प्रशासन में जमा ली हैं। अब विकास कुमार का ट्रांसफर डीडीओ बरेली कार्यालय से गाजियाबाद के मुरादनगर खंड विकास अधिकारी कार्यालय में लेखाकार के पद पर किया गया है।

दरअसल सीडीओ आफिस में तैनात रहने के दौरान पूरे जिले में जलवा दिखाने वाले विकास की पोस्टिंग मुरादनगर बीडीओ कार्यालय में होना उन्हें रास नहीं आ रहा क्योंकि वहां उन्हें यहां से बहुत छोटी सीट मिल रही है। यही वजह है कि वह परेशान हैं और जाना नही चाहते क्योंकि जो जलवे उनके बरेली में है वह मुरादनगर में नहीं रहेंगे इसलिए लिए वह UP Transfer Policy को ठेंगा दिखाते हुए किसी भी कीमत पर अपना ट्रांसफर रुकवाने की मशक्कत में लगे हुए हैं।

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UP Transfer Policy : डीडीओ दफ्तर के कर्मचारी जहां अटैच हुए वहीं के हो गए

डीडीओ दफ्तर के कर्मचारी जहां अटैच हुए फिर हटे नहीं। इस कड़ी में विकास अकेले नाम नहीं हैं, जो लंबे समय से जमे हुए हैं, इनके अलावा जिलाधिकारी कार्यालय से अटैच इमरान अली भी इसी कड़ी का हिस्सा है वह भी करीब दो दशक से डीएम के दफ्तर में जमे हैं। इमरान भी डीडीओ के स्टेनो हैं, जो एक बार डीएम कार्यालय आए तो मुंडकर वापस नहीं देखा।

रिलीव होने की फाइल जिलाधिकारी तक जाती है लेकिन अभी तक लेखाकार विकास कुमार को रिलीव करने के निर्देश नहीं मिले हैं। उनका ट्रांसफर हुआ है लेकिन शायद मंत्री जी ने रोकने के लिए कहा है। – दिनेश यादव, जिला विकास अधिकारी

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