बरेली। पूर्वोत्तर रेलवे वर्कशॉप में तैनात कर्मचारी ने अपने साथी के साथ मिलकर दो लोगों से रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 25 लाख रुपये ठग लिए। ठगी का अहसास होने पर पीड़िता ने एनई रेलवे मजदूर यूनियन के पदाधिकारी समेत दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
इज्जतनगर की गांधीपुरम कॉलोनी निवासी गीता सेठ ने बताया कि उनके जेठ शिव स्टेट-16 निवासी अनिल सेठ उर्फ सिंटू की तैनाती रेलवे वर्कशॉप में है। एक दिन जेठ और उनके परिचित विनोद कुमार घर आये। उन्होंने बताया कि उनके बेटे निखिल की रेलवे में नौकरी लग गई है। इन दिनों रेलवे में काफी नियुक्तियां निकलीं हैं। यह भी बताया कि उनके पड़ोसी डॉ. विनोद की रेलवे में अच्छी पकड़ है। वह खेल कोटे से नौकरी लगवा सकते हैं। गीता सेठ उनके झांसे में आ गईं और अपने बेटे शुभांकर सेठ की नौकरी लगवाने की बात की। आरोप है कि अनिल और डॉ. विनोद ने उनकी सहेली जजी कर्मचारी किरन श्रीवास्तव को भी झांसे में ले लिया। किरन ने भी अपने बेटे सिद्धार्थ की नौकरी के लिए बात की। अलग-अलग तारीखों में अनिल सेठ ने दोनों से 12.5-12.5 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद रेलवे से संबंधित कई दस्तावेज उनको दिए। ज्यादा समय बीतने पर भी नौकरी नहीं मिली तो उनको शक हुआ। रुपये वापस मांगने पर अनिल और विनोद बहानेवाजी करने लगे। अब जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इज्जतनगर पुलिस ने गीता सेठ और किरन श्रीवास्तव की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
जानिए कौन है ठगी करने वाला कर्मचारी और किससे है संबंध
इज्जतनगर रेलवे वर्कशॉप में तैनात अनिल सेठ उर्फ चिंटू की तैनाती रेलवे वर्कशॉप में है वह एनई रेलवे मजदूर यूनियन के सहायक मंडलसे मंत्री बताए जाते हैं। नौकरी के नाम पर अवैध बसूली के मामले के बाद विभाग में अब इस तरह की चर्चाएं हैं कि नौकरी लगवाने के खेल में एक कर्मचारी यूनियन का बड़ा पदाधिकारी भी शामिल है। फिलहाल लोग एक बड़े पदाधिकारी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। अनिल सेठ का नाम आने के बाद अब मजदूर संगठन के लोग भी सकते में आ गए हैं और अब उन्हें अपने नाम खुलने का भी डर सता रहा है।