बरेली। एसडब्ल्यूसी के गोदाम से 105 बोरी राशन चोरी प्रकरण में गोदाम इंचार्ज दिनेश यादव पर आरोप लगने के बाद एक बार फिर एसडब्ल्यूसी और एफसीआई सुर्खियों में है। अफसरों और ठेकेदारों के रोज नये कारनामे सामने आ रहे हैं। करोड़ो के राशन चोरी की जांच चल रही है, तो वहीं एसडब्ल्यूसी में डाले के नाम पर हर माह 5 लाख रूपये का डाका डालने का मामला सामने आने लगा है।
एसडब्ल्यूसी के आरएम एसएन यादव ने एफसीआई के डिवीजनल मैनेजर सुनील सुमन के पत्र पर एक जांच कमेटी गठित कर तीन दिन में जांच रिपोर्ट तैयार करने को कहा। जिससे आरोपी गोदाम इंचार्ज दिनेश यादव के खिलाफ जांच हो सके। लेकिन जितनी तेजी से पत्र चालू हुआ जांच उसी गति से सुस्त होती चली गई। जांच टीम मौके पर गई छानबीन की, अभिलेख खंगाले लेकिन तीन दिन पूरे होने के बाद भी जांच रिपोर्ट पूरी नहीं हो सकी। यहां बता दें कि आरएम एसडब्ल्यूएसी एसएन यादव पूर्व में बरेली में एसडब्ल्यूसी के गोदाम पर गोदाम प्रभारी भी रह चुके हैं और रसुइया के गोदाम प्रभारी दिनेश यादव से उनके करीबी रिश्ते बताए जाते हैं। जिसके चलते भी जांच की गति धीरे होने की बात विभाग में कही जा रही है।
मामला मैनेज करने को लगा रहा जमावड़ा
तीन दिन बाद भी जांच रिपोर्ट पूरी न होने के पीछे मामला मैनेज करने की वजह बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि पूरे दिन एसडब्ल्यूसी ऑफिस में इस बात को लेकर चर्चा होती रही कि आरोपी को कैसे बचाया जाए। वही आरोपी ठेकेदार दिनभर अधिकारियों और साथी ठेकेदारों के चक्कर काटता रहा। आरोपी ठेकेदार खाद्य विभाग के एक बड़े अफसर की परिक्रमा में लग रहा है। जिससे उसकी फर्म बची रहे। हैंडलिंग ठेकेदार रूपचंद गंगवार जिनका रसुइया गोदाम पर हैंडलिंग का ठेका है, उन पर भी जांच चल रही है। बताया जाता है कि घटना के बाद मामला एसडब्ल्यूसी के लखनऊ मुख्यालय तक गूंजने लगा है। अफसर जांच रिपोर्ट के बारे में पूछ रहे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर अधिकारी मामला मैनेज करने में जुटे हैं। दिनभर एसडब्ल्यूसी कार्यालय में मामला मैनेज करने के लिए लोगों का जमावड़ा लगा रहा।
डाले के नाम पर डाला जा रहा 5 लाख का डाका
एसडब्ल्यूसी के गोदाम से 105 बोरी राशन की कालाबाजारी का मामला थमा नहीं, कि इससे पहले एक और जिन्न उखड़ गया। इस बार पीडीएस के ठेकेदारों ने अब डाले को लेकर विरोध करना शुरू कर दिया है। एसडब्ल्यूसी और एफसीआई के गोदामो पर खाद्यान्न उठाते समय हैंडलिंग ठेकेदार की लेबर उनसे डाले के नाम पर एक रूपया चालीस पैसा प्रति कट्टा वसूली करती है। सरकार के निर्देश के बाद भी एसडब्ल्यूसी में डाला वसूली रुकने का नाम नहीं ले रही।
जानकार बताते हैं की हर महीने जिले में पीडीएस की व्यवस्था के तहत करीब तीन लाख साठ हजार कट्टे राशन का उठान एसडब्ल्यूसी और एफसीआई के गोदामों से होता है। जिसके लिए परिवहन ठेकेदार को लेबर के लिए गोदाम में राशन लोड करने के नाम पर प्रति कट्टा 1 रूपया 40 पैसा देना पड़ता है। कुल मिलाकर प्रति माह 5 लाख रूपये डाले के नाम वसूली की जा रही है। न छापने की शर्त पर एक परिवहन ठेकेदार ने बताया कि इस बारे में कई बार अधिकारियों को भी बताया गया। लेकिन अधिकारी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करते। पीडीएस परिवहन हैंडलिंग ठेकेदार ने बताया कि एसडब्ल्यूसी और एफसीआई के गोदाम से राशन लोड करते समय प्रति गाड़ी करीब एक कुंतल के आसपास वजन भी कम मिलता है। विभागीय जानकारों की माने तो गेहूं और चावल में वजन बढ़ाने के लिए गोदाम प्रभारी बरसात के समय गोदाम के शटर उठा देते हैं। जिससे मॉश्चर बढ़ जाए व गर्मी के समय गोदाम में पानी का छिड़काव करके राशन का वजन बढ़ा देते हैं। यही वजह है कि राशन कार्ड धारक अक्सर कोटेदारों की शिकायत करते हैं कि उन्हें 1 किलो राशन कम मिलता है।
जांच रिपोर्ट कल तक सामने आएगी उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी, बाकी डाला वसूलने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अब संज्ञान में आया है इस पर भी जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी। – एसएन यादव, आरएम एसडब्ल्यूसी
हमारी लेबर के द्वारा कोई भी डाला नहीं वसूला जाता है। डाला वहां पर मौजूद सरकारी कर्मचारी वसूलते होंगे, हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अभी हमें काम करते 10 दिन ही हुए हैं। – रूप चंद्र गंगवार, ठेकेदार