बरेली। समाजवादी पार्टी के नेता की फर्म को ठेके देने के लिए उप्र पाॅवर काॅरपोरेशन के अफसरों ने नियम और कानूनों को ताक पर रख दिया। पाॅवर काॅरपोरेशन में पिछले काफी समय से अफसर-बाबू और चंद चहेते ठेकेदारों का ऐसा गंदा गठजोड़ बना हुआ है कि सरकार को राजस्व का तगड़ा चूना लगाते हुए हर बार टेंडर चंद चहेते ठेकेदारों खासकर उक्त सपा नेता की फर्म को ही थमा दिए जा रहे हैं। कायदे से जांच या ऑडिट हो जाए तो बड़े-बड़ों की गरदनें फंसना तय है।
समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व पार्षद मोहम्मद अफरोज के बेटे की उप्र पाॅवर काॅरपोरेशन में मैसर्स समर ट्रेडर्स के नाम से फर्म है। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व पार्षद अफरोज की फर्म को पाॅवर काॅरपोरेशन के अफसरों ने नियमों के विपरीत अवैध अनुभव प्रमाणपत्र जारी कर दिया और उसके बाद उसी अवैध प्रमाणपत्र के आधार पर टेंडर मंजूर करते हुए काम भी दे दिया।
मामले को तूल पकड़ता देख अफसरों ने कोरम पूरा करने के लिए जांच कमेटी तो बनाई लेकिन जांच रिपोर्ट इस तरह मांगी गई ताकि जांच के नाम पर लीपापोती भी हो जाये और आरोपी फर्म बच भी जाये।
बीते दिनों लोकतंत्र टुडे ने पाॅवर काॅरपोरेशन के इस सनसनीखेज मामले का खुलासा किया था कि किस तरह तत्कालीन अधिशासी अभियंता प्रथम पंकज भारती ने 33 केवीए लाइनों पर और स्विच यार्ड का काम कराए बिना ही चहेते ठेकेदार सपा नेता की फर्म को अनुभव प्रमाणपत्र जारी कर दिया।
लोकतंत्र टुडे ने नियम विरुद्ध अनुभव प्रमाणपत्र और ठेका देने की खबर को जब प्रमुखता से प्रकाशित किया तो उसके बाद अधीक्षण अभियंता सेकेंडरी वर्क्स ज्ञानेन्द्र सिंह ने अनुभव प्रमाणपत्र की जांच के सिलसिले में अधिशासी अभियंता को चिट्ठी लिखकर उनसे पूछा कि अनुभव प्रमाणपत्र उनके कार्यालय से जारी हुआ है, या नहीं? हालांकि इस तथ्य की जांच अधीक्षण अभियंता ने भी नहीं कराई कि जिन कार्यो के आधार पर अनुभव प्रमाणपत्र जारी हुआ है क्या उनके बिलों के भुगतानों और कराए गए कार्यों का सत्यापन भी कराया गया है?