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परिवहन विभाग: सरकारी नंबर का काला खेल, 10 हजार में बंटे 5 हजार वीआईपी ठप्पे

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रामपुर। लोकतंत्र टुडे ( Loktantratoday ) की पड़ताल ने परिवहन विभाग के काले खेल का बड़ा पर्दाफाश कर दिया है। सरकारी गाड़ियों के लिए आरक्षित नंबर सीरीज को खुलेआम निजी गाड़ियों को बेचने का घोटाला सामने आया है। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद परिवहन विभाग के आला अफसरों की नींद उड़ गई है और डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर कमल प्रसाद गुप्ता ने मुरादाबाद आरटीओ को पत्र लिखकर तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं।

परिवहन विभाग
परिवहन विभाग

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जानकारी के मुताबिक, रामपुर परिवहन विभाग के एआरटीओ कार्यालय में नियमों को दरकिनार कर करीब 5 हजार निजी गाड़ियों को एजी और बीजी सीरीज के नंबर जारी कर दिए गए। यह वही सीरीज है जो केवल सरकारी विभागों और राजकीय वाहनों के लिए आरक्षित रहती है। मगर लालच और मिलीभगत के चलते सरकारी पहचान का यह ठप्पा निजी हाथों में बेच दिया गया।

परिवहन विभाग 10–10 हजार में हुआ सौदा

विभागीय सूत्र बताते हैं कि इस पूरे खेल में दलालों की भूमिका सबसे अहम रही। निजी वाहन मालिकों से 10 हजार रुपये तक वसूले गए और बदले में उन्हें मिला सरकारी सीरीज वाला नंबर। अनुमान है कि इस काले कारोबार से परिवहन विभाग के कुछ अफसरों और बिचौलियों ने लाखों रुपये की जेबें गर्म कीं।

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सुरक्षा पर बड़ा सवाल

घोटाले का असर सिर्फ भ्रष्टाचार तक सीमित नहीं है। सरकारी सीरीज का नंबर लगने के बाद कोई भी निजी गाड़ी आसानी से सरकारी वाहन बनकर घूम सकती है। सवाल यह है कि जब असली-नकली गाड़ियों की पहचान ही धुंधली कर दी गई तो सुरक्षा व्यवस्था पर इसका कितना बड़ा खतरा मंडरा रहा है।

परिवहन विभाग: जांच के आदेश, लेकिन संदेह बरकरार

लोकतंत्र टुडे की खबर सामने आने के बाद परिवहन विभाग के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर हरकत में आए और जांच के आदेश जारी कर दिए। अब मुरादाबाद एआरटीओ से रिपोर्ट तलब की गई है। हालांकि आम जनता का कहना है कि जांच तो पहले भी कई मामलों में हुई, मगर दोषियों पर कार्रवाई के नाम पर सब कुछ ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। सवाल साफ है कि इस बार क्या वाकई गुनहगारों पर गाज गिरेगी या मामला फिर रफा-दफा कर दिया जाएगा।

सबकी निगाहें रिपोर्ट पर

अब जिलेभर की निगाहें मुरादाबाद एआरटीओ की रिपोर्ट पर टिकी हैं। अगर यह रिपोर्ट निष्पक्ष आई तो कई बड़े नामों का खुलासा तय माना जा रहा है। लेकिन अगर मामला दबा दिया गया तो जनता का भरोसा और भी डगमगा जाएगा।

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