Friday, May 30, 2025

Power Corporation: अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान के कार्यालय में मौजूद साक्ष्य, जो बनेंगे गले की फांस

अधिशासी अभियंता महावीर सिंह को लिफाफा देने का मामला, जांच कमेटी से मुख्य अभियंता ने अब नहीं हटाया

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लोकतंत्र टुडे संवाददाता

बरेली। Power Corporation के अधिशासी अभियंता महावीर सिंह को लिफाफा देने के मामले में फंसे अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान के खिलाफ उनके कार्यालय में ही साक्ष्य मौजूद हैं, लेकिन वह खुद जांच टीम का हिस्सा हैं तो उन साक्ष्यों को कब्जे में लेने की दिशा में काम नहीं किया जा रहा।

ऐसे में उन साक्ष्यों के साथ पूरी छेड़छाड़ किए जाने की संभावना भी है। हालांकि जब लिफाफाकांड में उनका नाम उछला है उनके चेहरे के हावभाव बदल गए हैं। वायरल वीडियो में जिन चीजों के जरिये उनकी पहचान उजागार हो रही है, उनसे उन्होंने परहेज कर लिया है। आजकल वह काफी बदले-बदले और चिंतित नजर आ रहे हैं।

दरअसल 14 मई को अधिशासी अभियंता महावीर सिंह (33 केवीए वर्टिकल) का लिफाफा लेकर फाइल पर साइन करने का वीडियो वायरल हुआ था। इससे पहले भी उनका एक वीडियो और महिला कंप्यूटर ऑपरेटरों के साथ चैट वायरल हो चुकी थी। इस पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी रिया केजरीवाल ने अधिशासी अभियंता को प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया मगर लिफाफा देने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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ये साक्ष्य बनेंगे अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान के गले की फांस

लोकतंत्र टुडे ने वायरल वीडियो की पड़ताल की तो लिफाफा देने वाले शख्स की पहचान अधिशासी अभियंता कॉमर्शियल-2 सत्येंद्र चौहान के रूप में हुई। उनकी पहचान करने में हाथ में पहना कड़ा, काली स्मार्ट वॉच, अंगूठी, दो मोबाइल, इनमें एक फ्लैप कवर वाला और सरकारी फाइल का रंग सहायक बने थे। आइए जानते हैं कौन-कौन से साक्ष्य उनकी मुसीबत बढ़ा सकते हैं।

power corporation bribe video
अधिशासी अभियंता महावीर सिंह के वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट।

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सत्येंद्र चौहान के कार्यालय के सीसीटीवी की डीवीआर

अधिशासी अभियंता सतेंद्र चौहान के कार्यालय की डीवीआर की वीडियो रिकॉर्डिंग उनके खिलाफ जांच में बड़ा सबूत बन सकती है। वायरल वीडियो से उनके कार्यालय में लगे सीसीटीवी की फुटेज का मिलान कराया जाए तो घड़ी, कड़ा, अंगूठी, मोबाइल पकड़ने का स्टाइल समेत अन्य चीजों से यह पता चल जाएगा कि लिफाफा देने वाला शख्स कोई और नहीं अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान ही है। हालांकि अब तक उनके कार्यालय में लगे सीसीटीवी की डीवीआर कब्जे में नहीं ली गई। ऐसे में सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ किए जाने की आशंका बनी हुई है।

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वीडियो में दिख रहे लिफाफा देने वाले के हावभाव

वायरल वीडियो में लिफाफा देने वाले के हावभाव का मिलान सत्येंद्र चौहान के कार्यालय में लगे सीसीटीवी की फुटेज से कराया जाए तो भी यह स्पष्ट हो जाएगा कि जो व्यक्ति लिफाफा दे रहा है, उसका उठने-बैठने और मोबाइल इस्तेमाल करने का तरीका सत्येंद्र चौहान से पूरी तरह मेल खाता है। अगर मोबाइल पर चल रही अंगुलियां और फ्लैप बंद करने के तरीके को मिलाया जाए तो वह भी हूबहू मिल रहा है।

मुख्य अभियंता ने अब तक जांच कमेटी से नहीं हटाया

लोकतंत्र टुडे के खुलासे के बाद विभाग में यह तो स्पष्ट हो गया है कि लिफाफा देने वाले कोई और नहीं, बल्कि अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान थे लेकिन इसके बावजूद वह उस जांच कमेटी का हिस्सा बने हुए हैं, जो पूरे मामले की जांच कर रही है।

मुख्य अभियंता ने भी उन्हें जांच कमेटी से नहीं हटाया है। मीडिया में यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है और लिफाफा देने वाले की पहचान उजागर की जा चुकी है। इससे जाहिर होता है कि मुख्य अभियंता भी अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान को बचाने में लगे हैं। हालांकि मुख्य अभियंता ज्ञान प्रकाश ने मामले जांच कर रही कमेटी को रिमाइंडर भेजा है, जिसमें जल्द जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा है।

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सत्येंद्र चौहान के बचाव में उतरे Power Corporation के कई अभियंता

लिफाफाकांड में सत्येंद्र चौहान का नाम उजागर होने के बाद उनके पक्ष में कई अभियंता उतर आए हैं। वहीं सत्येंद्र चौहान भी उन चीजों से परहेज करने लगे हैं, जिनके जरिये उनकी पहचान हुई है। उन्होंने घड़ी, कड़ा उतार कर रख दिया है। पहले वह पूरी आस्तीन की शर्ट पहना करते थे आजकल हाफ आस्तीन की शर्ट में दिख रहे हैं। आजकल उनका पूरा ध्यान अपनी पहचान बदलने में है।

खुलकर पैरवी में उतरे अधिशासी अभियंता अनुज गुप्ता

अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान के बचाव में पूर्व में अधिशासी अभियंता 3 रहे, जिनकी पोस्टिंग आजकल वर्कशॉप में हैं वह खुलकर उतर आए हैं। अब उनकी तैनाती के समय के किस्से भी बाहर आने लगे हैं। विभाग में उनके समय हुए स्मार्ट सिटी के कार्य और स्टेडियम रोड पर होने वाली लाइन शिफ्टिंग समेत कई कार्यों को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

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