बरेली। योगी सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलेरेंस नीति Power Corporation Bareilly के अधिकारियों पर लागू नहीं होती। घपले-घोटाले उजागर होने के बाद भी उसमें लिप्त अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। जांच के नाम पर फाइल एक टेबल से दूसरी पर सरकाने का काम चल रहा है।
वहीं यदि निचले स्तर का कर्मचारी किसी प्रकार के भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो जांच से पहले ही उसे निपटा दिया जाता है, जबकि गुनाह दोनों ने एक ही किया मगर अपने रसूख के चलते अधिकारी कार्रवाई से बच जाते हैं।
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Power Corporation Bareilly में घपलेबाजी के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं, जिनमें अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई मगर इनमें कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुछ समय पहले बिजली चोरी के मामलों में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति लिए राजस्व निर्धारण संशोधन किए जाने का मामला सामने आया तो पावर कॉरपोरेशन मुख्यालय ने जांच के आदेश दिए थे।
अपने पाले में आई गेंद अधीक्षण अभियंता ने मुख्य अभियंता के पाले में डाली
राजस्व निर्धारण में घपलेबाजी सामने आने पर मुख्यालय के आदेश पर मुख्य अभियंता रणविजय सिंह ने अधीक्षण अभियंता नगरीय क्षेत्र ब्रह्मपाल को जांच कराने के निर्देश दिए थे। अधीक्षण अभियंता ब्रह्मपाल ने यह कहकर पत्र मुख्य अभियंता को भेज दिया कि वह अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारी की जांच यदि किसी दूसरे अधिशासी अभियंता से कराएंगे तो जांच में पारदर्शिता कम होने की संभावना रहेगी।
ऐसे में मुख्य अभियंता अधीक्षण अभियंता के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित करें। उनका पत्र जब मुख्य अभियंता कार्यालय पहुंचा, इसी बीच मुख्य अभियंता रणविजय सिंह को बरेली से हटा दिया गया और उनका चार्ज अधीक्षण अभियंता ब्रह्मपाल को दे दिया गया।
ब्रह्मपाल पर मुख्य अभियंता का चार्ज करीब तीन महीने तक रहा लेकिन जांच की फाइल रोके रहे। बताया जाता है कि इस मामले में अगर सही से जांच होती है तो अधिशासी अभियंता सतेंद्र चौहान का नपना तय है।
Power Corporation Bareilly में महिला कर्मचारियों के उत्पीड़न पर साधी चुप्पी
Power Corporation Bareilly के अधिशासी अभियंता 33 केवीए वर्टिकल महावीर सिंह का पहले एक शख्स से पैसा लेते वीडियो वायरल हुआ, इसके कुछ दिन बाद ही उनकी महिला कंप्यूटर ऑपरेटरों के साथ चैट वायरल हुई, जिसमें पावर कारपोरेशन की खूब किरकिरी हुई। अधिशासी अभियंता पर आरोप है कि वह महिला कंप्यूटर ऑपरेटरों पर दबाव बनाकर उन्हें चैट करने को कहते थे।
इस मामले में महिला कंप्यूटर ऑपरेटरों ने अधीक्षण अभियंता ब्रह्मपाल से जनवरी में शिकायत की थी लेकिन उन्होंने मामले को अनसुना कर दिया। बताते हैं कि एक दिन अधिशासी अभियंता अपने कंप्यूटर पर व्हाट्सएप खुला छोड़कर चले गए। इस दौरान किसी ने चैट के फोटो खींच लिए और वायरल कर दिए।

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ज्वाइन करते ही इंजीनियरों और संविदाकर्मियों पर बरपाया कहर
Power Corporation Bareilly में ज्वाइन करने के बाद अधीक्षण अभियंता ब्रह्मपाल ने संविदाकर्मियों और इंजीनियरों पर कहर बरपाना शुरू कर दिया, इससे निचले स्तर के कर्मचारी उनसे खौफ खाने लगे।
विभाग से जुड़े कुछ अफसरों के मुताबिक कई बार अधिकारी किसी जिले में ज्वाइन करने के बाद ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हैं ताकि वह खुद का बेहद सख्त दिखाकर अपनी वेल्यू बढ़ा सकें। पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारी इनकी कार्रवाई को भी इसी नजरिये से देख रहे हैं।
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आरोप कितने भी गंभीर हों मगर नहीं होती जांच
Power Corporation Bareilly के अधिकारी भले ही गंभीर आरोपों में घिरे हों। मुख्यालय से भी जांच के आदेश आ चुके हों लेकिन जांच कराने के बजाय उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। वह मामला चाहे महिला कंप्यूटर ऑपरेटरों पर दबाव बनाकर गंदी बात करने का हो या फिर सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना राजस्व निर्धारण संशोधन का।