pollution test license। Bareilly News: दोपहिया वाहनों के pollution test के लिए निर्धारित फीस 65 रुपये की जगह 120 वसूलने पर उप परिवहन आयुक्त राधेश्याम ने JB Motors का दो महीने के लिए लाइसेंस सस्पेंड कर दिया था लेकिन इसके बावजूद JB Motors पर pollution test में खेल बंद नहीं हुआ। अब डीजल कार का प्रदूषण सर्टिफिकेट जारी करने में अवैध वसूली का मामला सामने आया है।
बरेली के पीलीभीत बाईपास स्थित महानगर कॉलोनी में रहने वाले यशेंद्र सिंह पांच मार्च को अपनी स्कूटी का pollution test कराने बड़ा डाकखाना के पास जेबी मोटर्स पर गए थे। जहां जांच के नाम पर उनसे 120 रुपये वसूले गए, जबकि रसीद 65 रुपये की दी गई।
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फीस का पता न चल पाए इसलिए जिस जगह रकम लिखी थी उसके ऊपर ही मुहर और हस्ताक्षर कर दिए गए। इस पर उन्होंने मामले की शिकायत डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर संजय सिंह से की तो उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। जांच के बाद उप परिवहन आयुक्त राधेश्याम ने 19 मई को जेबी मोटर्स का प्रदूषण जांच लाइसेंस दो महीने के लिए निलंबित कर दिया।

अब डीजल कार की pollution test में अवैध वसूली
उप परिवहन आयुक्त की कार्रवाई के बाद जेबी मोटर्स पर पेट्रोल वाहनों के सर्टिफिकेट जारी नहीं हो रहे है लेकिन डीजल वाहनों के प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट पर वसूली का खेल लगातार चल रहा है। इन सर्टिफिकेट पर भी जहां रकम लिखी होती है, उस जगह मुहर लगाकर रकम को छुपा दिया जाता है। अब जेबी मोटर्स पर ही डीजल कार के मालिक से प्रदूषण जांच के नाम पर 140 रुपये वसूले गए लेकिन उसे रसीद 115 रुपये की दी गई। दरअसल लोकतंत्र टुडे की खबर के बाद परिवहन विभाग ने पेट्रोल का लाइसेंस निलंबित कर दिया था लेकिन डीजल वाहनों की जांच हो रही है।
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देश भर में अब तक कोई गाड़ी प्रदूषण फैलाती नहीं मिली
सूत्रों के मुताबिक देश भर में अब तक किसी प्रदूषण जांच केंद्र पर कोई गाड़ी ऐसी नहीं पाई गई है, जो प्रदूषण फैला रही हो। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन प्रदूषण जांच केंद्रों पर किस हद तक खेल हो रहा है। कई केंद्र संचालक तो गाड़ी का फोटो देने पर ही प्रदूषण सर्टिफिकेट जारी कर देते हैं। बतातें हैं कि अधिकांश केंद्रों पर pollution test नहीं होता है। केंद्र संचालक बगैर जांच किए ही सर्टिफिकेट जारी कर देते हैं। प्रदूषण जांच केंद्र केवल कमाई का जरिया बनकर रह गए हैं।