जीएसटी में हेराफेरी कर करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी करने की खबर प्रकाशित होने के बाद जीएसटी के अधिकारी हरकत में आ गये हैं। उन्होंनेे मेंथा तेल कारोबारी के यहां दस्तक देना शुरू कर दी है। बताया जाता है कि शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद और कलान में जीएसटी की टीमों ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। वहीं संभल जिले के संभल और चंदौसी में भी मेंथा तेल व्यापारियों पर जीएसटी के अधिकारीे नजर बनाये हुए हैं।
दिनभर जीएसटी विभाग के अधिकारियों की गाड़ियां व्यापारियों के प्रतिष्ठानों के बाहर से गुजरने के बाद व्यापारियों में दहशत का माहौल रहा। वहीं कुछ व्यापारियों ने डर की वजह से अपनी दुकान भी बंद रखीं। बताया जाता है कि व्यापारी जीएसटी में हेराफेरी कर सरकार को करोड़ों रुपये राजस्व का चूना लगा रहे थे।
मंडी के बाबू ने बुलाई मेंथा कारोबारियों गुपचुप बैठक
वहीं मंडी में भी मंडी शुल्क चोरी के मामले में हलचल देखने को मिली। सूत्रों की मानें तो मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पाए एक बाबू ने मेंथा कारोबारियों के साथ एक मीटिंग आयोजित की। जिसमें मंडी टैक्स और जीएसटी चोरी करने वाले व्यापारियों को बुलाया गया। बाबू ने उन्हें कुछ दिन सजग रहकर व्यापार करने की सलाह दी। मंडी समिति के बाबू के साथ की गई मीटिंग में शाहजहांपुर के कलान और जलालाबाद, बरेली के देवचरा और आँवला, संभल के संभल और चंदौसी से भी व्यापारी आए थे। बताया जाता है कि मंडी कर्मचारी ने मेंथा व्यापारियों को कार्यवाही का भय दिखाकर अपना खेल कर लिया। वही मीटिंग में बाबू ने व्यापारियों को कुछ दिन अपने काम की गति कम करने के निर्देश दिए हैं। मंडी में भी इस बात को लेकर चर्चा आम है कि मृतक आश्रित कोटे वाला बाबू जो चाहता है, वही काम होता है।
चंदौसी की एक फर्म का खरीद फरोख्त का एक पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें शाहजहांपुर के कलान, जलालाबाद, अल्लाहगंज और बरेली के आंवला, देवचरा की कई फर्म के मेंथा आयल खरीद और बेचे जाने के प्रमाण बताए जा रहे हैं।
विभाग से जुड़े लोगों की माने तो मंडी का गेट पास लेने के लिए जिन गाड़ियों के नम्बर व्यापारियों द्वारा चढ़ाए जा रहे हैं। वह उस समय कई बार उस रुट पर जा ही नहीं रही होती हैं। जानकार लोगों की मानें तो कुछ व्यापारी जीएसटी क्लेम करने के लिए कागजों में खरीद बिक्री दिखा देते हैं जिसके लिए गेट पास और ई वे बिल पर गाड़ियों फर्जी नम्बर चढ़ाए जाते हैं।
बरेली में कुछ समय पहले जीएसटी चोरी के मामले में एक चीनी व्यापारी भी जेल जा चुका है बताया जाता है कि वह चीनी खरीद फरोख्त केवल कागजों में ही करता था। जबकि नामचीन चीनी व्यापारी करोड़ों रुपए का टैक्स एक बोगस फर्म के जरिए अपनी फर्म में उसका इनपुट क्रेडिट लेता रहा। करोड़ों रुपए के व्यापार करने के बाद भी टैक्स की रकम जमा न होने पर जीएसटी की टीम ने छापा मार कार्यवाही करते हुए फर्म का स्टॉक चैक करने मौके पर पहुंची। जिसके बाद चीनी व्यापारी पहले तो मामले को घुमाता रहा लेकिन आखिरकार उसे जेल जाना पड़ा।
सूत्रों की मानें तो इस खेल में एक विभागीय अधिकारी भी शामिल था जो उसे बचाने में लंबे समय से मदद करता चला आ रहा था। अब इसी तरह मेंथा के कारोबारी भी यह खेल खूब खेल रहे हैं। इस खेल के शामिल एक अफसर आज कल एनसीआर से जुड़े क्षेत्र से ही पूरे मामले पर नजर बनाये हुए है।