बरेली। शासन से बजट जारी नहीं होने की वजह से शिक्षामित्रों को दिसंबर माह का मानदेय अभी तक नहीं मिला है। बिना मानदेय कैसे होगा गुजारा? उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने चुरई बीआरसी पर बैठक में यह सवाल उठाते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय भारत को ई-मेल कर ग्रांट शीघ्र जारी करने की मांग की है।
प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष कपिल यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों को कभी समय से मानदेय नहीं मिलने की वजह से शिक्षामित्र कर्ज लेकर परिवार का पेट पाल रहे हैं। बरेली जनपद में 2800 से अधिक शिक्षामित्र कार्यरत हैं। राज्य परियोजना निदेशक का कहना है कि केंद्र सरकार से देय 65 प्रतिशत अंशदान अभी तक राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हुआ है। इसीलिए मानदेय भुगतान में देरी हुई है। जिला महामंत्री कुमुद केशव पाण्डेय ने बताया कि सरकार ने जनवरी में 15 दिवसीय शीतकालीन अवकाश की अवधि के मानदेय भुगतान पर भी रोक लगा रखी है।
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संरक्षक विनीत चौबे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल गंगवार, उपाध्यक्ष अरविंद गंगवार, संगठन मंत्री अनिल यादव ने कहा कि नियमित शिक्षकों को माह की एक-दो तारीख को ही वेतन जारी हो जाता है। लेकिन शिक्षामित्रों को दो-तीन महीने बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है।