बरेली। देश की सबसे बड़ी पंचायत में लोकसभा में रुहेलखंड क्षेत्र के सांसदों की उपस्थिति तो 90 फीसद के आसपास रही, कुछ ने आमजन से जुड़े मुद्दे भी सदन में उठाए लेकिन बरेली से आठवीं बार जीतकर लोकसभा में पहुंचे और कई भारी-भरकम मंत्रालय भी संभाल चुके संतोष गंगवार ज्यादातर मौकों पर चुप्पी ही साधे रहे।
पीलीभीत के फायरब्रांड सांसद वरुण गांधी ने लोकसभा के सत्रों में आम लोगों से ताल्लुक रखने वाले सवाल तो सरकार से काफी पूछे लेकिन सदन की बहसों में सिर्फ पांच बार ही सहभागिता कर पाए। हालांकि, अपने मौजूदा कार्यकाल में उन्होंने सबसे ज्यादा पांच प्राइवेट बिल सदन में चर्चा के लिए पेश किए।
उनसे पीछे लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी रहे, जिन्होंने चार प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए।
रुहेलखंड क्षेत्र के बाकी पांच सांसदों में से कोई अपने पांच साल की सांसदी में एक भी प्राइवेट बिल लेकर नहीं आ सका। किसानों और बेरोजगारों के मुद्दों पर कई मौकों पर अपनी ही सरकार पर हमलावर रहे सांसद वरुण गांधी किसानों के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), भारतीय रोजगार संहिता और रेलवे ट्रैक किनारे रह रहे लोगों के लिए स्थायी आवास बनवाने और बाढ़ पीड़ितों की राहत के लिए नेशनल बोर्ड का गठन समेत जनहित से जुड़े पांच प्राइवेट बिल सदन में चर्चा के लिए पेश किए और रुहेलखंड मंडल के सभी सांसदों में नंबर वन रहे।
हालांकि ये सभी बिल अभी भी सदन की मंजूरी के लिए लंबित हैं। उन्होंने कई मौकों पर सदन में जनहित से जुड़े सवाल भी पूछे। वरुण ने सदन में कुल 206 सवाल पूछे और पांच डिबेट्स में भी हिस्सा लिया। पांच साल में लोकसभा में उनकी उपस्थिति 79% रही।
लखीमपुर खीरी के एमपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने लोकसभा की 56 डिबेट्स में हिस्सा लिया। 160 प्रश्न पूछे और सदन में 96% हाजिरी भी दर्ज कराई।
धौरहरा सांसद रेखा वर्मा ने सदन की 61 बहसों में भाग लिया। अपने लोकसभा क्षेत्र में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना की मांग उठाई और दार्जिलिंग के गोरखा लोगों को राजनीतिक पहचान दिलवाने के लिए भी पैरवी की। जनहित से जुड़े 92 प्रश्न पूछे। सदन में उनकी उपस्थिति 83% रही।
बदायूं सांसद 39 वर्षीया संघमित्रा मौर्य ने पांच साल में 98% उपस्थिति के साथ कुल 86 प्रश्न पूछे और लोकसभा की 57 चर्चाओं में हिस्सा लिया।
शाहजहांपुर सांसद 47 साल के अरुण कुमार सागर ने सदन की 40 चर्चाओं में पार्टिसिपेट किया। 172 प्रश्न भी पूछे। 92 फीसद हाजिरी दर्ज कराई।
सबसे उम्रदराज, आठ बार के सांसद और कई बार मंत्री रहे 75 वर्षीय संतोष गंगवार की पिछले पांच साल में लोकसभा में उपस्थिति तो 94 फीसद रही लेकिन सदन की सिर्फ एक बहस में ही भाग ले पाए और सिर्फ 9 प्रश्न ही पूछ पाए।
आंवला के 55 वर्षीय सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने 8 डिबेट्स में हिस्सा लिया और 138 प्रश्न भी पूछे। सदन में उनकी उपस्थिति 93 फीसद रही।
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