चकबंदी में लूट। Bareilly News: जिले के 81 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। तीन गांवों का रिकॉर्ड न मिलने पर 78 गांव में चकबंदी का कार्य शुरू हो गया है। चकबंदी प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही किसानों से अवैध वसूली की शिकायतें भी खूब आने लगी हैं। बहेड़ी तहसील में तो सीओ और लेखपाल गिरोह बनाकर किसानों से जमकर वसूली कर रहे हैं।
यह गिरोह पहले अभिलेखों में दर्ज जमीन को नपाई में कम बताता है फिर उसे पूरा करने के नाम पर किसानों से मोटी रकम ऐंठता है। चकबंदी में लूट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विभाग में लेखपाल का ऑडियो और सीओ का वीडियो इन दिनों चर्चा में है। तहसीलों से अवैध वसूली की तमाम शिकायतें विभागीय अधिकारियों के पास पहुंच रही हैं लेकिन अधिकारी कार्रवाई की बजाय उन्हें दबाने में लगे हैं। इनमें सबसे ज्यादा शिकायतें बहेड़ी और आंवला से आई हैं। जहां चकबंदी में लूट सबसे ज्यादा मची हुई है।
चक काटने के बाद बची जमीन पैसे लेकर छोड़ रहे
चकबंदी के दौरान चक काटने के बाद जो जमीन बचती है उसे कर्मचारी पैसा लेकर किसानों के लिए छोड़ देते हैं। दरअसल चकबंदी के दौरान सड़क और अन्य कार्यों के लिए किसानों की जमीन से दो से पांच प्रतिशत तक की कटौती होती है। यह कटौती चकबंदी योजना और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग होती है। इस दौरान किसानों का चक काटाने के बाद कुछ जमीन बच जाती है और यह बची हुई जमीन उस किसान के लिए छोड़ दी जाती है, जो कर्मचारियों की जेब गरम करता है।
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अपनी ही अदालत में रिश्वत लेते पकड़े गए चकबंदी अधिकारी
विजिलेंस टीम ने बरेली में चकबंदी अधिकारी को उनके न्यायालय से ही भुता क्षेत्र के किसान से 50 हजार रुपये रिश्वत लेते अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया था। सीओ चकबंदी के न्यायालय में किसान की जमीन का विवाद विचाराधीन था, इसका निपटारा करने के लिए वह किसान से दो लाख रुपये मांग रहे थे। किसान की शिकायत पर एसपी विजिलेंस ने टीम भेजकर उन्हें 50 हजार रुपये लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया था। वहीं भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने हाल ही में बरेली में चकबंदी लेखपाल को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। वह एक सहायक चकबंदी अधिकारी के कहने पर वारिसान दर्ज करने के बदले रिश्वत ले रहा था।

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आंवला में डॉक्टर के नाम कर दी करोड़ों की गोचर की जमीन
आंवला के संग्रामपुर गांव में करोड़ों की गोचर की जमीन शहर के एक नामचीन डॉक्टर के नाम कर दी गई। मिलीभगत के चलते दाखिल खारिज भी हो गया। चकबंदी के दौरान यह मामला पकड़ में आया। जांच शुरू हुई तो पूर्व में यहां तैनात रहे एक रिटायर्ड सीनियर आईएएस का नाम इस खेल में सामने आया। रिटायर्ड सीनियर आईएएस के फंसने की आशंका के चलते डीएम के यहां से एसओसी को फोन किया गया। इसके बाद डीएम कार्यालय में यह फाइल दबा दी गई।
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चकबंदी में लूट : जिस गांव में पहुंच जाए चकबंदी, वहां दस साल तक चोर-डकैत भी नहीं जाते
चकबंदी के नाम पर किसानों से जमकर होती है लूट, बरेली जिले के 81 गांवों में चल रही चकबंदी सवालों के घेरे में
बरेली। चकबंदी में लूट किस प्रकार होती है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस पर गांवों में कहावत है कि जिस गांव में चकबंदी पहुंच जाती है, उस गांव की ओर दस साल तक चोर-डकैत भी नहीं देखते। चकबंदी कर्मचारी चक काटने के नाम पर किसानों को इतना लूट लेते हैं कि उनके बर्तन-भाड़े तक बिक जाते हैं।
बरेली जिले के 81 गांवों में इन दिनों चकबंदी का कार्य चल रहा है, इसमें सबसे ज्यादा गांव बहेड़ी तहसील के हैं और सबसे कम आंवला तहसील के। नवाबगंज तहसील का कोई भी गांव इसमें शामिल नहीं है। तीन गांवों का रिकॉर्ड न मिलने पर 78 गांव में चकबंदी का कार्य शुरू हो गया है।
बरेली में चकबंदी का काम शुरू होने के साथ ही किसानों से लूट खसोट की शिकायतें भी आना शुरू हो गई हैं। चक काटने के नाम पर कर्मचारी किसानों से लाखों रुपये वसूल रहे हैं न देने पर उनका चक गांव से दूर काटने या उपजाऊ की जगह बंजर भूमि देने और जमीन की कीमत कम आंकने की धमकी दे रहे हैं।
बहेड़ी तहसील के कई गांवों में किसानों से तीन से पांच लाख रुपये तक की वसूली की जा चुकी है। कई गांवों के किसानों ने चकबंदी विभाग के कर्मचारियों द्वारा की जा रही अवैध वसूली की शिकायत जनप्रतिनिधियों से की है। इस पर दो सांसदों ने शासन को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई की मांग की है।