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Janta Transport के मालिक ने फर्जीवाड़ा कर करीबियों को किया मालामाल, यहां पढ़ें पूरा मामला

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लोकतंत्र टुडे संवाददाता

बरेली। Janta Transport के मालिक सुनील गुप्ता का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। सुनील गुप्ता ने अपने सगे साले और करीबी को खाद्य विभाग में हैंडिलिंग और परिवहन का ठेका दिलाने के लिए अपनी कंपनी के लैटर हेड पर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर दिया।

दिसंबर 2022 में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के पत्र पर राज्यसभा सांसद मिथिलेश कुमार कठेरिया ने प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की लेकिन अफसरों से साठगांठ के चलते वह इस मामले को भी मैनेज कर ले गया लेकिन अब एक बार फिर शासन से इस मामले की शिकायत की गई।

Janta Transport के मालिक सुनील गुप्ता ने 19 सितंबर 2019 में जनता लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी पंजीकृत कराई। इसी कंपनी का अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर उन्होंने बदायूं के दातागंज थाना क्षेत्र के गांव भटौली में रहने वाले अपने सगे साले रामप्यारे और अपने करीबी बरेली के जनकपुरी में रहने वाले अर्पित खंडेलवाल को फर्जी अनुभव प्रमाण अपनी कंपनी के नाम से जारी कर दिया।

इस फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के जरिये दोनों की फर्म ने बरेली खाद्य एवं रसद विभाग में धान-गेहूं की हैंडलिंग और परिवहन का ठेका हासिल कर लिया। बाद में अधिकारियों की साठगांठ से उन्हें विभाग से अनुभव प्रमाण पत्र जारी करा दिया।

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एक फर्म दूसरी को नहीं जारी कर सकती है अनुभव प्रमाण पत्र

सरकारी विभागों में नियम तो यह है कि कोई फर्म विभाग से ठेका हासिल करती है तो काम उसे ही करना होगा। वह उस टेंडर का काम किसी दूसरी फर्म से नहीं करा सकती। इसके बावजूद जनता लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड ने अपने साले और अर्पित खंडेलवाल की फर्म को अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर दिया।

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जनता लॉजिस्टिक द्वारा जारी किया गया फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र।

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Janta Transport की बारदाना ढुलाई में भी घपलेबाजी आ चुकी है सामने

खाद्य विभाग में बारदाना ढोने का ठेका लेने वाली Janta Transport माल ढुलाई में बड़ा गड़बड़झाला किया। इस फर्म ने अधिकारियों से मिलीभगत के चलते माल ढुलाई में लगे वाहनों के बिल की जो सूची विभाग में दाखिल की है, उसमें बाइक, ई-रिक्शा, ऑटो, कार और केवल कृषि कार्य के लिए प्रयोग होने वाले ट्रैक्टर तक शामिल थे। सूची में कई वाहन ऐसे भी पाए गए, जिनकी आरसी निरस्त हो चुकी थी या फिर सस्पेंड हो चुकी थी।

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लंबा अपराधिक इतिहास मगर विभाग के लिए पाक साफ

घपलेबाजी में माहिर सुनील गुप्ता पर फतेहगंज पूर्वी थाने में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि बाद में वह इस मामले में कोर्ट से बरी हो गए लेकिन मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन होने के दौरान उन्होंने अपना अपराधिक इतिहास छुपाकर शहर में राजेंद्रनगर के पते पर चरित्र प्रमाण पत्र बनवा लिया।

बतातें हैं कि सुनील गुप्ता बरेली मंडल में तैनात रहे आरएमओ राममूर्ति वर्मा का कृपापात्र है। उनकी ही कृपा से उन्होंने बरेली मंडल समेत कई जिलों में अपनी जड़े फैला ली है। साहब जहां जाते हैं वहां उनका धंधा शुरू करा देते हैं। हालांकि अब आरएमओ प्रमोट होकर आरएफसी बन चुके हैं। उन्होंने सुनील गुप्ता की अलीगढ़ में भी जड़ें जमवा दी है।

K.P. SINGH
Author: K.P. SINGH

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