बरेली। रेलवे के अफसर शिकायतों के निस्तारण को लेकर कतई गंभीर नहीं हैं। एक शिकायत के निस्तारण में अफसरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिस विभाग और अफसर के खिलाफ शिकायत की गई, विभागीय अफसरों ने उसी अफसर को जांच सौंप दीं। यही नहीं आरोपी अफसर ने शिकायत का फौरन निस्तारण कर शिकायत को ही बंद करा दिया। शिकायतकर्ता ने इस पर आपत्ति जताई है।
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शिकायत की जांच में लापरवाही का यह मामला पूर्वोत्तर रेलवे मण्डल इज्जतनगर का है। शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री पोर्टल पर पूर्वोत्तर रेलवे मण्डल इज्जतनगर में बगैर काम कराए ठेकेदार को भुगतान करने की शिकायत की थी। शिकायत में आरोप लगाया था कि पूर्वोत्तर रेलवे मण्डल इज्जतनगर के मैकेनिकल विभाग में बालू की बोरी इंजन पर रखने का काम अर्पित इंटरप्राईजेज को मिला था। लेकिन ठेकेदार द्वारा अनुबंध अविधि में कोई काम नहीं किया गया। शिकायत में आरोप है कि फर्जी लॉग बुक और एमबी के सहारे सीनियर डीईई ओपी विनीत कुमार और उनके सहयोगियों के द्वारा नियम के विपरीत बगैर काम कराए भुगतान कर दिया गया। इस मामले में वित्त विभाग की संलिप्तता का भी शिकायत में जिक्र किया गया है।
प्रधानमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायत की जांच रेलवे के अफसरों ने इज्जतनगर मण्डल के अधिकारियों भेज दी। फिर यहीं से जांच के नाम पर खेल शुरू हो गया। खुद आरोपों में घिरे सीनियर डीईई ओपी विनीत कुमार ने जांच रिपोर्ट तैयार कर पोर्टल पर अपलोड कर दी कि अर्पित इंटरप्राइजेज को काम का भुगतान नहीं किया गया है लेकिन जांच रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नही किया गया है कि किस लॉग बुक और किस कर्मचारी अधिकारी के निर्देशन में काम किया गया। जो यह बताने के लिए काफी है कि रेलवे में अफसर शिकायत को लेकर कितने गंभीर है। वही रेलवे के अफसरों पर भी सबाल उठने लगे हैं कि क्या आरोपी जांच अधिकारी से निष्पक्ष जांच की उम्मींद कैसे जा सकती है। विभाग से जुड़े लोगों की माने तो प्रधानमंत्री पोर्टल पर हुई शिकायत के बाद मैकेनिकल विभाग में हड़कंप मच गया है।