Bareilly News : जिले के लोगों से 300 करोड़ रुपये की ठगी करने वाला Ganga Infracity Director Rajesh Maurya करीब डेढ़ साल से बरेली में अपने पिता के घर में छिपकर रह रहा था, जबकि कई थानों की पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। रविवार को बारादरी पुलिस ने उसे पिता के घर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
मूलरूप से कुशीनगर जिले का रहने वाला राजेश मौर्य बरेली में अपने पिता के घर में छिपकर रह रहा था। उसके पिता बरेली नगर निगम में ट्यूबवेल ऑपरेटर थे। वर्ष 2015 में वह रिटायर हो गए थे। पिता के रिटायर होने के बाद राजेश ने साल 2018 में Ganga Infracity Pvt. Ltd. नाम से रियल एस्टेट कंपनी पंजीकृत कराई और बीसलपुर रोड पर ग्रीन पार्क के सामने उसका ऑफिस खोला।
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Ganga Infracity के नाम पर उसने भुता क्षेत्र में करीब 200 बीघा जमीन पर प्लाटिंग की और 100 वर्गगज के भूखंड का सौदा तीन लाख रुपये में तय किया, इसमें सवा लाख रुपये उसने एक नंबर में और बाकी पौने दो लाख रुपये नकद लिए।
उसने प्लॉट खरीदने वाले लोगों को झांसा दिया कि वह उन्हें हर महीने मंथली रिटर्न स्कीम के तहत पैसा देगा और पांच साल पूरे होने पर वह उनके निवेश के मुताबिक दोगुना पैसा देगा। निवेश की दोगुनी रकम प्लॉट सरेंडर करने पर अदा की जाएगी। इसके एवज में उसने निवेशकों को ब्लैंक चेक भी दिए।
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शुरुआत में दिया पैसा तो लालच में आकर फंसते गए लोग
पुलिस के मुताबिक कुछ समय तक राजेश निवेशकों को पैसा देता रहा लेकिन बाद में उसने पैसा देना बंद कर दिया। उसके दिए चेक भी बाउंस होने लगे। इसके बाद निवेशकों में गुस्सा बढ़ने लगा। अनिल साहू, राजीव गुप्ता, संजीव गुप्ता आदि प्रमुख निवेशकों सहित करीब 200 लोग ठगी के शिकार हुए। इस पर उन्होंने Ganga Infracity के दफ्तर के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। इसके बाद राजेश के खिलाफ अलग-अलग थानों में कई एफआईआर दर्ज की गईं। उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई भी की गई। पुलिस ने उसके खाते फ्रीज किए थे, लेकिन उससे पहले ही राजेश ने रकम निकालकर संपत्ति में निवेश कर दी थी।
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जमानत पर छूटने के बाद से चल रहा था फरार
लोगों के विरोध के बाद पुलिस ने राजेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। करीब डढ़े साल पहले ही वह जमानत पर जेल से रिहा हुआ था। इसके बाद से वह कोर्ट में गैरहाजिर चल रहा था। कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। डेढ़ साल से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था। रविवार को वह बारादरी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
Ganga Infracity की कई जगह खोली ब्रांचें, एजेंटों को दी बाइक और कारें
राजेश मौर्य ने कई जगह अपनी कंपनी की ब्रांचें खोल रखी थी। जहां उसने स्टाफ रख रखा था, जिन्हें वह सैलरी देता था। उसने कंपनी में निवेश कराने वाले एजेंटों को बाइक और लग्जरी कारें उपहार में दी थी, जो एजेंट जितना ज्यादा निवेश कराता था, उसे उतना ही बड़ा उपहार मिलता था। इससे प्रभावित होकर एजेंटों ने परिचितों और रिश्तेदारों से भी निवेश करवा दिया। राजेश के फरार होने के बाद कई एजेंटों ने अपने वाहन थानों में सरेंडर कर दिए थे।