Sunday, April 20, 2025

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लोकसभा चुनाव के निशानों में ‘बुलडोजर’ आउट ‘जूता चप्पल’ की एंट्री

बरेलीचुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के निशानों में ‘बुलडोजर-जेसीबी’ को आउट कर दिया है जबकि ‘चूता चप्पल’ की एन्ट्री हुई है। चुनाव में प्रत्याशियों को इस बार ‘चूड़ियां’ व ‘कानों की बालियां’ भी निशान में मिलेंगी। उपयोग से विलुप्त हो चुकी तमाम चीजों को भी आयोग ने अपने निशान में जिन्दा रखा है। लोक सभा चुनाव के लिए जिन 190 निशानों की सूची जारी हुई है उसमें तमाम रोचक चीजें भी हैं। बच्चों के खिलौने, साग सब्जियों से लेकर फलों व महिलाओं के सिंगार की चीजों की भरमार है।

लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन का दौर चल रहा है। राष्ट्रीय व पंजीकृत दलों के चुनाव निशान तो पहले से निर्धारित हैं लेकिन निर्दलीयों के लिए आयोग अलग से चुनाव निशान जारी करता है। आयोग की वेबसाइट पर इस बार ऐसे करीब 190 चुनाव निशान हैं जो नामांकन करने वाले प्रत्याशियों को आवंटित होंगे। आयोग ने आधुनिकता के साथ विरासत को भी चुनाव निशानों के जरिए सहेजा है। कुछ ऐसे चुनाव निशान भी शामिल किए हैं जो विलुप्त होने की कगार पर हैं। इनमें हाथ से चलायी जाने वाली चक्की, डोली, टाइपराइटर, खटिया (चारपायी), कुआं सहित तमाम चीजें शामिल हैं।

एयरकंडीशनर, लैपटाप, कम्प्यूटर, माउस, कैलकुलेटर, सीसीटीवी कैमरा, ड्रिल मशीन, वैक्यूम क्लीनर, पेन ड्राइव, ब्रेड टोस्टर, पेट्रोल पम्प तथा रिमोट सहित तमाम नए जमाने की चीजें भी चुनाव चिह्न में शामिल हैं। वहीं फलों व सब्जियों को भी जगह दी गयी है। पहली बार सूची में ‘जूता, चप्पल’ तथा ‘कूड़ेदान’ को भी शामिल किया गया है।

क्रेन, रोड रोलर शामिल लेकिन जेसीबी, बुलडोजर गायब

चुनाव आयोग के निशानों वाली सूची से जेसीबी बुलडोजर गायब है। जबकि इसी तरह के कई मोटर सूची में शामिल हैं। क्रेन, रोड रोलर, आटो रिक्शा तथा ट्रक चुनाव चिह्न के तौर पर सूची में शामिल हैं। लेकिन बुलडोजर जेसीबी नहीं है। पिछले कुछ सालों में बुलडोजर को जिस तरह प्रस्तुत किया गया संभवत: इसी वजह से वह चुनाव निशान में नहीं है। आपको बतादें कि बरेली में नामांकन प्रक्रिया 12 अप्रैल से शुरू हो रही है।

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