बरेली। आंख में रोशनी लाने का दावा करने वाले बरेली के डाक्टर महेन्द्र सिंह बासु (Dr MS Basu) बासु आई हॉस्पिटल (Basu Eye Hospital) और उनकी जांच करने वाली टीम के खिलाफ दोवारा मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है।
आरोप है कि जांच टीम ने डा0 बासु (Dr Basu) से गठजोड़ कर मनमानी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी। शिकायतकर्ता का कहना है कि जांच टीम ने पूरे अभिलेख ही अपनी जांच में शामिल नहीं किए है। जानकारों का कहना है कि डा0 बासु को बचाने के चक्कर में जांच टीम का फंसना तय है।

मुजफ्फरनगर निवासी राजीव गुप्ता ने बरेली के बासु आई हास्पिटल (Basu Eye Hospital) पर आरोप लगाया था कि डा0 बासु (Basu) के गलत इलाज के चलते उसकी आंख की रोशनी चली गई। इस मामले में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी बरेली ने जांच कमेटी गठित कर जांच कराई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई और उन बिन्दुओं को जांच में शामिल नहीं किया गया जिनसे डाक्टर पर कार्रवाई हो सके।
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राजीव गुप्ता ने अपनी शिकायत में लिखा है कि जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में डा० बासु को तीन बार दिखाने का जिक्र किया है। जांच कमेटी ने अन्तिम बार 25 दिसंबर 2021 को डा0 बासु को दिखाने की बात लिखी है जबकि वह अंतिमबार 29 जनवरी 2022 को डा0 बासु को अपनी आंख दिखाकर आया था। इसके पर्चे भी उसके पास मौजूद हैं।
जांच टीम ने जांच के दौरान शिकायतकर्ता के बयान भी दर्ज नहीं किए और उसी पर लापरवाही करने का आरोप जड़ दिया। जबकि शिकायतकर्ता का कहना है कि इसके बाद वह कई नामचीन डाक्टरों को अपनी आंख दिखा चुका, सभी ने बताया कि आंख का प्रेशर बढ़ने की वजह से आंख की रोशनी चली गई। लेकिन जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में आंख का प्रेशर बढ़ने का जिक्र नहीं किया है। शिकायतकर्ता ने फिर से किसी अन्य अधिकारी द्वारा जांच कर डाक्टर बासु (Basu) और जांच टीम पर कार्रवाई कराने की मांग की है।