Tuesday, July 8, 2025

सहकारी समितियां हर गांव में चलाएं गौशाला तो बनेगा खुशहाल भारत

बरेली। किसानों के अर्थतंत्र को तबाह कर रहे हजारों की तादाद में छुट्टा गौवंशीय पशुओं की विकट समस्या को भी आपदा में अवसर की सकारात्मक सोच से हर ग्राम पंचायत में एक गौशाला बनाकर और उसे  सहकारिता से जोड़कर आत्म निर्भर भारत के सपने को अवश्य सच किया जा सकता है।

आंवला लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट की दावेदारी ठोंक रहे नवोन्मेषी सोच वाले पार्टी के युवा नेता रविंद्र विक्रम सिंह ने इस आशय की प्रार्थना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सहकारिता मंत्री अमित शाह को पत्र भेजे हैं।

श्री रविंद्र विक्रम ने पत्रों में लिखा है कि गांव चलो अभियान के तहत अपनी आंवला लोकसभा क्षेत्र की हालिया जनसंवाद यात्रा के दौरान बहुत करीब से देखा-महसूस किया कि रामगंगा खादर के इस पूरे इलाके में हजारों की तादाद में छुट्टा गौवंशीय पशु किसानों के अर्थतंत्र को बुरी तरह तबाह कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने गांवों में गौशालाएं बनाकर इस समस्या से किसानों को बाहर निकालने की कोशिश की भी है लेकिन कुशल प्रबंधन के अभाव में ये गौशालाएं अव्यवस्थाओं में घिरी हुई हैं।

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बकौल रविंद्र विक्रम, यात्रा के दौरान किसानों, खाद-डेयरी व्यवसायियों आदि से वार्ता में गांव-गांव में सहकारी समितियों द्वारा संचालित गौशालाओं की स्थापना का सुझाव सामने आया है।  
श्री रविंद्र विक्रम का सुझाव है कि ग्राम प्रधान और सहकारी समितियों की देखरेख और प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही में संचालित इन गौशालाओं में संरक्षित पशुओं को पौष्टिक आहार-नियमित उपचार की भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था बन सके तो हर गांव को गायों के दुग्ध उत्पादों के मामले में आत्म निर्भर और निर्यातक बनाया जा सकता है।

इसके साथ ही गोबर और मूत्र का जैविक खाद और आयुर्वेदिक दवाइयों में उपयोग कर गांवों की अर्थव्यस्था को मजबूत बनाकर वर्ष 2047 से पहले भी भारत को विकसित राष्ट्रों की कतार में सबसे आगे खड़ा किया जा सकता है।

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