लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बहुजन समाज पार्टी ने उम्मीदवारों की एक और सूची (BSP Candidate List) जारी कर दी है। इस लिस्ट में गोरखपुर, बस्ती समेत कुल 9 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया गया है। बसपा की इस लिस्ट में सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ध्यान रखा गया है और इससे कई सीटों पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है।
बीएसपी की चौथी लिस्ट में आजमगढ़ लोकसभा सीट से भीम राजभर, घोसी से बालकृष्ण चौहान, गोरखपुर से जावेद सिमनानी, फैजाबाद से सच्चिदानंद पांडेय, बस्ती से दयाशंकर मिश्रा, एटा से मो. इरफान, धौरहरा से श्याम किशोर अवस्थी, चंदौली से सत्येंद्र कुमार मौर्य और रॉबर्टगंज से धनेश्वर गौतम एडवोकेट को उम्मीदवार बनाया गया है।
बसपा की इस लिस्ट में घोषित उम्मीदवारों में सामाजिक समीकरणो का पूरा ध्यान रखा गया है और समाज के सभी वर्गों को जगह दी गई है लेकिन इस लिस्ट ने आजमगढ़ में भाजपा के उम्मीदवार दिनेशलाल निरहुआ और घोसी सीट पर एनडीए खेमे के सुभासपा उम्मीदवार और मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
पहले बात करें आजमगढ़ की। दरअसल, आजमगढ़ में सामाजिक समीकरण कुछ ऐसा है कि यहां से ज्यादातर यादव प्रत्याशी को ही जीत मिलती रही है। यादव, मुस्लिम और दलित वोटरों की अनुमानित संख्या यहां कुल वोटरों के 50% के करीब है। इनके अलावा राजभर वोटों की संख्या भी अच्छी-खासी है। पिछले उपचुनाव में जब यहां से भाजपा के निरहुआ जीते थे तो बसपा ने गुड्डू जमाली को टिकट दिया था। गुड्डू जमाली को करीब 2.66 लाख वोट मिले थे और माना गया बसपा के कोर वैट बैंक के अलावा उन्हें मुस्लिम वोटरों का भरपूर सहयोग मिला था। माना गया था कि गुड्डू जमाली की वजह से सपा के धर्मेंद्र यादव के वोटों में भारी कमी आई थी और भाजपा के निरहुआ करीब 10 हजार वोटों से जीत गए थे।
इस बार यानी लोकसभा चुनाव 2024 में स्थिति बदल गई है। गुड्डू जमाली अब सपा के खेमे में हैं ऐसे में सपा अब मुस्लिम वोटों का बिखराव नहीं होने को लेकर आश्वस्त है। उधर राजभर अब एनडीए में हैं तो माना जा रहा था कि राजभर वोट भाजपा के उम्मीदवार के ही पक्ष में जाएंगे लेकिन बसपा ने यहां खेल कर दिया। बसपा ने अपनी चौथी लिस्ट में भीम राजभर को उम्मीदवार बना दिया है तो माना जा रहा है कि इस बार समीकरण पिछले उपचुनाव से ठीक उलट हो गए हैं। बसपा उम्मीदवार की वजह से इस बार निरहुआ को मिलने वाले राजभर वोटों में बिखराव हो सकता है। इसीलिए बसपा की इस लिस्ट को भाजपा की परेशानी बढ़ाने वाली माना जा रहा है।
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अब बात घोसी लोकसभा क्षेत्र की तो यहां भाजपा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर एनडीए उम्मीदवार हैं। घोसी में राजभर और चौहान वोटरों की संख्या अच्छी-खासी है। मंत्री दारा सिंह चौहान पिछला उपचुनाव भले हार गए हों लेकिन उन्हें वोट अच्छे मिले थे। ओमप्रकाश राजभर ने भी उपचुनाव में उनका खूब प्रचार किया था। इसीलिए माना जा रहा था कि चौहान वोट अरविंद राजभर के साथ ही होगा लेकिन बसपा ने यहां बालकृष्ण चौहान को उम्मीदवार बना कर समीकरण उलझा दिया है।

सपा ने यहां से राजीव राय को उम्मीदवार बनाया है जो अगड़ी जाति के हैं। राजीव राय के सपा उम्मीदवार होने से भाजपा के सवर्ण वोटबैंक में बिखराव की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी। इधर अब बसपा ने खेल को और भी कठिन बना दिया है।
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बताते चलें कि बहुजन समाज पार्टी ने अभी तक 45 उम्मीदवारों का ऐलान किया है। बसपा ना तो एनडीए खेमे में है और ना ही इंडी गठबंधन का हिस्सा है। चुनाव 2024 में बसपा अकेले लड़ रही है। बसपा पर भाजपा की बी टीम होने का आरोप लगाया जा रहा था लेकिन बसपा ने जिस तरह से उम्मीदवार उतारे हैं उनसे ना सिर्फ सपा की कई सीटों पर मुश्किल बढ़ गई है बल्कि भाजपा के दिग्गज उम्मीदवारों के लिए भी मुश्किल बढ़ गई है।
फिलहाल बसपा के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी पार्टी सुप्रीमो मायावती के भतीजे और बसपा के कोआर्डिनेटर आकाश आनंद संभाले हुए हैं। मायावती भी 14 अप्रैल से चुनावी रणभूमि में उतरने की तैयारी कर रहीं हैं। वह सहारनपुर और मुजफ्फनगर लोकसभा सीटों से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगी।