बरेली। 11 हजार केवीए और एलटी लाइन डालने में ठेकेदार के घपले छिपाने के लिए BDA के इंजीनियरों ने बिजली लाइन हैंडओवर करने में खेल कर दिया, जो लाइन सेकंड्री वर्क्स डिवीजन के हैंडओवर होनी थी उसे 11 केवीए वर्टिकल को अपने अधीन लेने के लिए पत्र लिख दिया। पावर कारपोरेशन के इंजीनियर भी इस खेल में आंख मूंदकर कार्रवाई आगे बढ़ाने में लगे रहे।
बरेली विकास प्रधिकरण (BDA) ने रामगंगानगर कॉलोनी में 11 केवीए और लो टेंशन (एलटी) बिजली लाइन खींचने का ठेका करीब 7 करोड़ रुपये में बरेली की मिश्रीलाल एसोसिएट प्राइवेट लिमिटेड को दिया था। बीडीए ने इस कार्य के सुपरविजन का पैसा पावर कारपोरेशन में जमा किया था। पावर कारपोरेशन के एमडी के आदेशानुसार बीडीए में बिजली लाइन खींचने का जो भी काम होगा वह सेकंड्री वर्क्स डिवीजन की देखरेख में होगा। लिहाजा काम सेकंड्री वर्क्स डिवीजन की देखरेख में हुआ। काम पूरा होने के बाद उसकी गुणवत्ता जांचने काम सेकंड्री वर्क्स डिवीजन को ही करना था और लाइन भी उसी के हैंडओवर होनी थी। मगर बीडीए के इंजीनियरों लाइन हैंडओवर करने में खेल कर दिया।
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घपला पकड़ में न आए इसलिए BDA ने 11 केवीए वर्टिकल को लिखी चिट्ठी
नियमानुसार रामगंगानगर कॉलोनी में लाइन खींचने का काम पूरा होने के बाद इसे सेकंड्री वर्क्स डिवीजन के हैंडओवर किया जाना था। गुणवत्ता की जांच करने के बाद सेकंड्री वर्क्स डिवीजन को इसे 11 केवीए वर्टिकल के हैंडओवर करना था लेकिन बीडीए के इंजीनियरों ने सेकंड्री वर्क्स डिवीजन को बाईपास करते हुए सीधे 11 केवीए वर्टिकल के अधिशासी अभियंता सुरेंद्र सिंह को चिट्ठी लिख दी कि वह लाइन हैंडओवर लेने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि ठेकेदार ने बीडीए के इंजीनियरों से मिलीभगत करके लाइन खींचने में घपलेबाजी की, लाइन भी अद्योमानक बताई जा रही है। ऐसे में सेकंड्री वर्क्स डिवीजन के लाइन हैंडओवर होती तो घपलेबाजी पकड़ में आ जाती।
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पावर कारपोरेशन के इंजीनियरों ने भी ताक पर रखे नियम
बीडीए ने 11 केवीए वर्टिकल डिविजन के अधिशासी अभियंता सुरेंद्र सिंह को लाइन हैंडओवर लेने के लिए चिट्ठी लिखी तो उन्होंने भी आंख मूंदकर अधीक्षण अभियंता नगरीय क्षेत्र ब्रह्मपाल को चिट्ठी लिखकर मुख्य अभियंता से लाइन हैंडओवर में लेने के लिए कमेटी गठित करने को पत्र भेज दिया। इस दौरान पावर कारपोरेशन के इंजीनियरों ने यह तक नहीं देखा कि लाइन का निर्माण सेकंड्री वर्क्स डिवीजन की देखरेख में हुआ है।
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बीडीए का इंजीनियर इस खेल का असली मास्टरमाइंड
बीडीए का एक इंजीनियर इस खेल का असली मास्टमाइंड बताया जाता है। घपले-घोटाले करने में यह इंजीनियर माहिर है, इसी इंजीनियर ने इस पूरे खेल की पठकथा लिखी है। दरअसल इंजीनियर को पता था कि अगर लाइन सेकेंड्री वर्क्स डिवीजन के हैंडओवर की गई तो वहां के इंजीनियर लाइन खींचने में इस्तेमाल किए गए सामान की गुणवत्ता जांचेंगे अगर ऐसा हुआ तो घपला खुल जाएगा इसलिए उसने ही सेकेंड्री वर्क्स डिवीजन की जगह 11 केवीए वर्टिकल को पत्र भिजवाया।
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दूसरे डिवीजन को हैंडओवर करने के पीछे यह होता है खेल
कोई भी फर्म पावर कारपोरेशन से संबंधित कोई कार्य करती है तो उसे पावर कारपोरेशन में सुपरविजन चार्ज जमा करना होता है। सुपरविजन चार्ज जमा होने के बाद जो भी कार्य होता है संबंधित डिवीजन की देखरेख में होता है, जिस तरह रामगंगानगर कॉलोनी में डाली गई लाइन का काम सेकेंड्री वर्क्स डिवीजन की देखरेख में हुआ। काम पूरा होने के बाद लाइन भी उसी डिवीजन के हैंडओवर की जानी थी। फिर यह डिवीजन कार्य की गुणवत्ता से संतुष्ट होने पर संबंधित डिवीजन को लाइन हैंडओवर कर देती है।
बीडीए के इंजीनियर के इंजीनियर ने प्रक्रिया को बताया सही
बीडीए के अधिशासी अभियंता योगेंद्र कुमार ने इस प्रकिया को सही करार दिया है। उनका कहना है कि विकास प्राधिकरण में रामगंगा योजना में चल रहे बिजली के कार्यों के लिए वह पावर कारपोरेशन के फोर्थ डिविजन हरुनगला को पत्राचार करते चले आ रहे हैं। अब पावर कारपोरेशन में वार्टिकल व्यवस्था लागू होने के बाद 11 हजार केवीए और एलटी लाइन के लिए उन्होंने 11 हजार केवीए वर्टिकल के अधिशासी अभियंता को लाइन निर्माण पूरा होने के बाद हैंडओवर के लिए चिट्ठी भेजी थी।