बरेली। चकरोड डालने के लिए रोजगार सेवक और प्रधान ने एक किसान की खड़ी फसल उजाड़ दी। किसान ने थाना पुलिस से लेकर अफसरों तक शिकायत की। कहीं सुनवाई न होने पर किसान ने कोर्ट की शरण ली। खड़ी फसल उजाड़ कर खेत में चकरोड डालने के मामले में कोर्ट ने प्रधान और रोजगार सेवक समेत दस लोगों को तलब किया है।
आलमपुर जाफराबाद के सौरभ शर्मा ने अदालत को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि चार जून 2022 को उसके गांव के प्रधान कुंवर पाल, महिला रोजगार सेवक, राकेश शर्मा, उमेश शर्मा, अनिकेत समेत दस लोगों ने उसके खेत में खड़ी चोरी कर प्रधान ने जान-बूझकर उसके खेत में जबरन चकरोड डाल दिया। आरोप है कि विरोध करने पर आरोपियों ने गाली गलौंच कर जान से मारने धमकी दी। घटना के बाद वह आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज कराने भमोरा थाने गया।
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सुनवाई न होने पर मुख्यमंत्री तक शिकायतें की थी, लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर किसान ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने इस मामले में दूसरे पक्ष के रोजगार सेवक, प्रधान समेत 10 लोगों को 29 अप्रैल को तलब किया है।
जानबूझकर किया नुकसान
किसान का आरोप है कि प्रधान और रोजगार सेवक ने जानबूझकर उसका नुकसान किया है। किसान का कहना है कि इससे उसे एक लाख रुपये का नुकसान हुआ।
एक तरफ खाई दूसरी तरफ कुंआ
मनरेगा के तहत काम कराने वाले रोजगार सेवकों का कहना है कि इस तरह की समस्याएं हमेशा उनके सामने आती हैं। चकरोड डालने के लिए जब वह किसान के खेत से मिटटी उठाते हैं तो कईबार किसान झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। विभागीय अफसरों का काम कराने के लिए दवाब होता है तो किसान अपनी फसल नहीं उजाड़ने देते।