बरेली। साधु-संत अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में अनशन पर बैठ गए हैं। भारतीय मोदी सेना सामाजिक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष, विश्व हिंदू महासंघ के विस्तारक और विश्व अखाड़ा परिषद से जुड़े स्वामी राजवीर देव अपने दो अन्य साधुओं के साथ अनशन पर बैठ गए। उनका आरोप है कि पुलिस-प्रशासन की हठधर्मिता के कारण वे अनशन पर बैठने को मजबूर हैं।
मीरगंज थाना क्षेत्र के भिटौली नगला धनेटा फाटक पर बने आश्रम के महंत स्वामी राजवीर देव, महेंद्र नाथ और प्रेमानंद महाराज सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और कलेक्ट्रेट परिसर में अनशन पर बैठ गए। उनका कहना है कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक वे अनशन पर बैठे रहेंगे। अनशन पर बैठे संत स्वामी राजवीर देव का कहना है कि अब पुलिस या तो मेरा एनकाउंटर करे या फिर जेल भेज दे। उनके साथ महेंद्र नाथ और प्रेमानंद महाराज भी अनशन पर बैठे हुए हैं।
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संत स्वामी राजवीर देव का आरोप है कि आश्रम की जमीन पर अन्नपूर्णा स्टोर बनाने का प्रस्ताव आया था, जिसका उन्होंने विरोध किया था। बाद में अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद उन्होंने विरोध करना छोड़ दिया। लेकिन उस दौरान उनके और अन्य साधुओं के खिलाफ लेखपाल धम्म मित्रा की ओर से मुकदमा दर्ज करवाया गया। महंत स्वामी राजवीर देव का कहना है कि अधिकारियों से बातचीत के बाद यह तय हुआ था कि अन्नपूर्णा स्टोर बनेगा और उन्होंने उसका विरोध दोबारा नहीं किया। स्टोर बनकर तैयार भी हो गया। इसके बावजूद लेखपाल धम्म मित्रा ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया।
महंत स्वामी राजवीर देव ने कहा कि अगर लेखपाल ने पुलिस को समझौतानामा दे दिया होता, तो चार्जशीट दाखिल नहीं होती। 14 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का नोटिस मिला, जिसके बाद वे 5 दिसंबर को धरने पर बैठने के लिए बरेली आए। उस दौरान भी पुलिस ने उन्हें रोका और आश्वासन दिया कि कोई कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन पता चला कि लेखपाल ने समझौतानामा पुलिस को दिया ही नहीं।