बरेली। साइबर ठगों ने ऑनलाइन ठगी का नया जाल बिछाकर बरेली कैंट स्थित मिलिट्री अस्पताल में कार्यरत एक कर्मचारी से 12 लाख 39 हजार रुपये हड़प लिए। मामला फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ा है, जहां मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर कर्मचारी को जाल में फंसा लिया गया। पीड़ित ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस अब आरोपियों के मोबाइल नंबर, फर्जी लिंक और पैसों के लेन-देन की जांच में जुट गई है।
व्हाट्सएप ग्रुप से शुरू हुई फर्जी ट्रेडिंग और ठगी
साइबर ठगों ने मिलिट्री अस्पताल में कार्यरत मनोज कुमार राघव, पुत्र स्व. बलबीर सिंह को अचानक एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ लिया गया। इस ग्रुप का नाम इंडियन ग्लोबल ट्रेडिंग बताया जा रहा है। ग्रुप में एडमिन और अन्य सदस्यों ने बड़े मुनाफे का झांसा देकर पीड़ित का विश्वास जीता।

इसके बाद एक लिंक शेयर कर पीड़ित से अकाउंट खुलवाया गया और कथित ट्रेडिंग शुरू कराई गई। मनोज ने शुरुआत में कुछ रकम निवेश की, जिसके बाद ठगों ने स्क्रीनशॉट और फर्जी रिपोर्ट दिखाकर मुनाफा होने का भ्रम पैदा किया। इसी भरोसे में आकर पीड़ित ने लगातार पांच दिनों तक अलग-अलग किस्तों में निवेश किया।
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साइबर ठगों ने पांच किस्तों में उड़ाए 12.39 लाख रुपये
साइबर ठगों ने कुल मिलाकर 12 लाख 39 हजार 650 रुपये की ठगी की। जब मनोज को अहसास हुआ कि यह पूरा प्लेटफॉर्म फर्जी है और उनकी रकम फंस चुकी है, तो उन्होंने तत्काल साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
साइबर सेल ने शुरू की जांच
फिलहाल साइबर सेल ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट, पेमेंट गेटवे और फर्जी लिंक की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि यह ठगी का अंतरराज्यीय गिरोह हो सकता है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए लोगों को फंसाता है।
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ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामले
बरेली और आसपास के जिलों में हाल के दिनों में साइबर ठगी के मामलों में तेजी आई है। कभी फर्जी KYC अपडेट के नाम पर, तो कभी लोन, निवेश और ट्रेडिंग जैसे ऑफर देकर लोगों को जाल में फंसाया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह संगठित साइबर गैंग है, जो देशभर में फैला हुआ है।
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कैसे बचें ऐसी ऑनलाइन ठगी से?
- साइबर विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
- किसी भी अनजान व्हाट्सएप या टेलीग्राम ग्रुप से दूर रहें।
- फर्जी लिंक पर क्लिक न करें और किसी भी अनजान ऐप या वेबसाइट पर अकाउंट न बनाएं।
- निवेश या ट्रेडिंग केवल SEBI-मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म पर ही करें।
- किसी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या cybercrime.gov.in
पर शिकायत दर्ज करें।