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बिना काम कराये ठेकेदार को भुगतान करने वाला अवर अभियंता निलंबित

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Sanjeev Sharma

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बिना काम कराये ठेकेदार को भुगतान करने वाला अवर अभियंता निलंबित

बरेली। लोकतन्त्र टुडे ने पावर कारपोरेशन में चल रहे ठेकेदार और इंजीनियरों का काकस तोड़ दिया है। खबर का संज्ञान लेकर मुख्य अभियंता ने बिना काम कराए ठेकेदार को लाखों रूपये का भुगतान करने वाले अवर अभियंता अनिल कुमार को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के दौरान उन्हें अधिशासी अभियंता नगरीय खण्ड द्वितीय से संबद्व किया गया है। मुख्य अभियंता रणविजय सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि अनिल कुमार अवर अभियंता ने बगैर एचडीपीई पाइप और कम केबल के बाद भी ठेकेदार को भुगतान कर दिया।

लोकतन्त्र टुडे ने 6 अक्टूबर के अंक में पावर कारपोरेशन में खेल, व्यवस्था ध्वस्त, दावे फेल शीर्षक नामक खबर प्रकाशित की थी। खुलासा किया था कि विद्युत वितरण खंड चतुर्थ के क्षेत्र में सन सिटी कालोनी बिजली घर से एयरफोर्स की तरफ डाली गई अंडरग्राउंड लाइन में फर्म आस्था ट्रेडर्स ने बगैर एचडीपीई पाइप डाले अनुचित तरीके से लाखों का भुगतान इंजीनियरों से मिलकर करा लिया।

आपको बता दें कि नगर निकाय स्कीम प्रथम के तहत शहरी क्षेत्र में ग्यारह और तैतीस केबीए की डबल सर्किट लाइन को अंडरग्राउंड किया जा रहा है। नियमों और अनुबंध के मुताबिक केबल एचडीपीई पाइप के अन्दर पड़नी थी, लेकिन आस्था ट्रेडर्स ने केबल को सीधे जमींन में दबा दिया। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता हैं।

कार्रवाई के बाद मचा हड़कंप

अवर अभियंता अनिल कुमार पर गाज गिरने के बाद कई और इंजीनियर भी शासन के रड़ार पर आ गये हैं। अन्य खंड के इंजीनियरों को भी कार्रवाई का डर सता रहा है। आपको बता दें कि इसके अलावा भी कई अन्य ठेकेदारों ने इंजीनियरों से गठजोड़ कर अधोमानक लाइन डाल दी है। टीपीआर से बचने के लिए कई ठेकेदारों ने लाइन के सिरों पर पांच से दस फिट के एचडीपीई पाइप के टुकड़े गड्ढा करके ठोंक दिए है। हालांकि अब ऐसे ठेकेदारों और इंजीनियरों में हड़कंप मच गया है। अगर मामले की जांच सही से हुई तो कई अन्य इंजीनियरों की गर्दन फंसना तय है।

ठेकेदार कार्रवाई की जद से दूर

पावर कारपोरेशन ने अवर अभियंता को फर्जी भुगतान करने के मामले में निलंबित कर दिया है लेकिन जिस फर्म को बगैर काम किये भुगतान किया गया है वह अभी कार्रवाई की जद से दूर है। जानकारों का कहना है कि फर्जी भुगतान मामले में फर्म पर भी वैधानिक कार्रवाई की हो सकती है।

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Author: Sanjeev Sharma

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