बरेली। प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर जिले भर के रोजगार सेवकों ने नियमितीकरण समेत 10 मांगों को लेकर सकड़ पर उतरे और गांधी उद्यान में धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंच मुख्यमंत्री को संबंधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।

ग्राम रोजगार सेवक (पंचायत मित्र) वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष गंगादीन कश्यप के नेतृत्व में शुक्रवार को भारी संख्या में जिले भर के रोजगार सेवक गांधी उद्यान में एकत्र हुए। जहां धरना प्रदर्शन कर रोजगार सेवकों ने सरकार से राज्य कर्मचारी का दर्जा दिये जाने की मांग की। जिलाध्यक्ष गंगादीन कश्यप ने कहा कि रोजगार सेवक 17 वर्षाें से ग्राम पंचायतों में कार्यरत हैं।
सरकार ने प्रशासनिक मद से मानदेय की व्यवस्था की है, अलग-अलग भौगोलिक स्थिति की वजह से किसी ग्राम पंचायत में काम का स्कोप कम और किसी में अधिक रहता है। कहा कि मनरेगा मांग परक योजना है इस कारण प्रत्येक रोजगार सेवक को हर माह मानदेय नहीं मिल पाता है। उन्होनें कहा कि सरकार को अलग बजट से मानदेय भुगतान की व्यवस्था करनी चाहिए।
रोजगार सेवकों को समायोजित करने के अलावा एचआर पालिसी लागू कर न्यूनतम मानदेय 24000 करने, राजस्थान, हिमाचल, उड़ीसा आदि की तर्ज पर रोजगार सेवकों को नियमित करने, जाब कार्ड में अन्य कार्य जोड़ते हुए विभागीय कर्मचारी घोषित करने, आकस्मिक और चिकित्सा अवकाश देने समेत दस मांगो का ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। इसके अलावा रोजगार सेवकों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो जल्द ही लखनऊ में बड़ा आन्दोलन किया जायेगा। इस दौरान आरके गंगवार, दिनेश सिंह, नरेन्द्र गंगवार, ज्ञानदेव, हरि किशन, सर्वेश, पोथीराम, नन्दलाल, जोगेन्द्र, विवेक सिंह, विक्रम, वेद प्रकाश आदि रहे।