Sunday, April 20, 2025

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Bareilly: दूसरे नोटिस के बाद जीआरएम(GRM)प्रबंधन पर लटकी एक्शन की तलवार

बरेली। शहर के नामी स्कूलों में गिना जाने वाला जीआरएम स्कूल अकूत काली कमाई के गंभीर आरोपों में फंसा हुआ है। पहले नोटिस का जवाब नहीं देने पर जिला सहायक निबंधक सोसाइटीज एंड फर्म्स द्वारा स्कूल प्रबंधन को अब दूसरा नोटिस भेजा गया है।

बताते चलें कि कुछ माह पहले मुख्यमंत्री समेत प्रदेश के तमाम आला अफसरों को शिकायतीपत्र भेजा था। आरोप थे कि गुलाबराय मांटेसरी स्कूल (जीआरएम) प्रबंधन ने नियमों को ताख पर रखकर हिंदू सेवा सोशल ट्रस्ट के ग्राउंड को अपना प्ले ग्राउंड दर्शाते हुए मान्यता ली थी। प्रवेश शुल्क और शिक्षण शुल्क की मदों में भी शासन की वर्ष 2018 की स्पष्ट गाइडलाइंस को ठेंगा दिखाते हुए निर्धारित से काफी ज्यादा रकम वसूली गई। इस काली कमाई को छुपाने समेत और भी कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। दावा किया गया था कि स्कूल की कमाई और खर्चों में बहुत बड़ा अन्तर है।

शिकायतीपत्र की प्रतियां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रमुख सचिव तथा महानिदेशक (बेसिक शिक्षा) एवं रजिस्ट्रार सोसाइटीज एंड फंडस को शिकायतीपत्र भेजी गई थीं और शिक्षा के नाम पर चलाए जा रहे इस पूरे गोरखधंधे की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच कराने की पुरजोर मांग भी की गई थी। एडमीशन के नाम पर प्रति छात्र 30 हजार से 50 हजार रुपये तक वसूली करने और ट्यूशन फीस के नाम पर हर तिमाही प्रति छात्र नौ हजार से पंद्रह हजार रुपये तक उगाही का भी आरोप लगाया गया था।

आरोप यह भी था कि इस भारी भरकम वसूली का 40 फीसदी से भी कम स्कूल के रखरखाव, शिक्षकों और कर्मचारियों पर खर्च किया जाता है। एनसीआरटी की कुछेक किताबें ही कोर्स में लगाये जाने की बात भी कही गई थी।

शिकायतीपत्र में उक्त संस्था का किसी निष्पक्ष सरकारी एजेंसी से ऑडिट कराने पर खास जोर था। पूछा था कि स्कूल शिक्षा समिति के पंजीकरण के समय क्या उद्देश्य थे और उनमें से कितने पूरे हो पाए हैं? यह भी पूछा था कि डोहरा रोड स्कूल शाखा की स्थापना पर कितनी धनराशि खर्च हुई और यह धन संस्था के पास आया कहां से था? स्कूल की दोनों शाखाओं के बैंक खातों का भी ऑडिट करवाने की मांग की गई है।

आपको बता दें कि कई बड़े स्कूल अपनी कमाई छुपाने के लिए पैसा किसी सोसायटी या ट्रस्ट के खाते में ट्रांसफर करते हैं, लेकिन रिटर्न में उस आमदनी को नहीं दिखाते। जानकार बताते हैं कि स्कूल चलाने वाली संस्थाएं नो प्रॉफिट नो लॉस पर सेवा के उद्देश्य से संस्थाओं का संचालन करती हैं, लेकिन काली हकीकत इसके एकदम उलट होती है।

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पहले नोटिस का ढाई माह बाद भी स्कूल प्रबंधन द्वारा जवाब नहीं दिए जाने पर अब सहायक रजिस्टार सोसाइटीज एंड फर्म्स बरेली द्वारा उसे दूसरा नोटिस भेजकर दस्तावेजों और साक्ष्यों सहित तलब किया गया है। एआर द्वारा दूसरा भी नोटिस जारी हो चुकने के बाद अब काली कमाई और दीगर गंभीर आरोपों में जीआरएम स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है और जबर्दस्त हड़कम्प मचा हुआ है। वही  जीआरएम स्कूल प्रबंधक राजेश जौली सभी आरोप निराधार बता रहे हैं।

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