बरेली। जीएसटी विभाग में फर्जी बिलों के जरिये टैक्स का इनपुट क्रेडिट के माध्यम से कुछ व्यापारी खूब खेल खेल रहे हैं। बताया जाता है कि कुछ व्यापारी टैक्स की रकम बचाकर करोड़ों रूपये के बारे न्यारे कर रहे हैं। जीएसटी चोरी में आज कल मेंथा व्यापारियों को सबसे अहम बताया जा रहा है। मेंथा पर सरकार ने 12 से 18 प्रतिशत के स्लैब में जीएसटी शुल्क लगाया है। मेंथा की कीमतें बाजार में अधिक होने से व्यापारी फर्जी बिलों और बोगस फर्मों के सहारे करोड़ों रूपये का टैक्स एक झटके में बचा लेता है। जिससे सरकार को करोड़ों रुपये की राजस्व की हानि होती है। इस खेल में एसआइबी और सचल दल के लोगों की भी भूमिका संदिग्ध बताई जाती है।
बरेली जिले में आँवला और देवचरा, शाहजहांपुर में जलालाबाद और कलान वहीं संभल में संभल और चंदौसी मेंथा व्यापार का बड़ा गढ़ बताया जाता है। संभल जिले के चंदौसी के चाचा इस खेल के बड़े खिलाड़ी बताये जाते हैं। वही शाहजहांपुर के कलान में गुप्ता बंधुओं का खूब बोलबाला है। बरेली में मेंथा तेल में जीएसटी कर चोरी का कारोबार करने के मामले एक आटा कारोबारी कोरोना काल मे मेरठ में जेल की हवा खा चुके हैं।
बीते दिनों कागजों में गड़बड़ी की आशंका के चलते कलान के गुप्ता बंधुओं को जीएसटी की टीम उठा लाई, जिसे कुछ समय बाद छोड़ दिया। जीएसटी टीम द्वारा मेंथा तेल के व्यापारी को पकड़कर छोड़ने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। जानकार बताते हैं कि जीएसटी विभाग की टीम जिस व्यापारी को टैक्स चोरी के खेल में पकड़ लेती है उसे वही निपटा देती है। लेकिन कभी सेकेंडरी खरीद करने वाले व्यापारी तक नहीं पहुंचती। जिससे इस खेल की जड़ तक पहुँचे। विभाग से जुड़े लोगों की माने तो नकद पैसों के लेनदेन में बरेली कालेज के पास की एक बैंक की भूमिका भी संदिग्ध बताई जाती है। हाल ही के दिनों में हुए जीएसटी चोरी के एक मुकद्दमे की जांच पड़ोस के जिले की पुलिस कर रही है। पुलिस ने जांच में अपनी गति बढ़ाना शुरू ही किया कि तब तक टैक्स चोरी करने वाले व्यापारियों ने उसकी गति को सुस्त कर दिया। इसके पीछे एक अफसर का नाम भी आ रहा है जो पहले बरेली में तैनात रह चुका है।