Bareilly: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Religious Places) में कई प्राचीन और पवित्र स्थल हैं, लेकिन उनमें से सबसे रहस्यमयी और आस्था का केन्द्र है नैमिषारण्य (Naimisharanya)। यहाँ स्थित रुद्रावर्त तीर्थ (Rudravarta Teerth Sitapur) UP का चमत्कारी शिवलिंग (Miraculous Shivling in UP) है, जो भक्तों द्वारा चढ़ाया गया प्रसाद वापस लौटा देता है। इस अनोखी घटना ने इस स्थान को भक्तों के बीच आस्था और श्रद्धा का प्रतीक बना दिया है।
Naimisharanya Rudravarta Teerth: UP का चमत्कारी शिवलिंग
(Naimisharanya Rudravarta Teerth) रुद्रावर्त तीर्थ में शिवलिंग प्रत्यक्ष दिखाई नहीं देता। इस तीर्थ को UP का चमत्कारी शिवलिंग माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह शिवलिंग गोमती नदी की गहराई में अदृश्य रूप से स्थापित है। श्रद्धालु जब यहाँ बेलपत्र, फूल, दूध और फल अर्पित करते हैं, तो उनका कुछ हिस्सा जल में समा जाता है और कुछ भाग वापस प्रसाद के रूप में लौट आता है। यही कारण है कि इसे UP चमत्कारी शिवलिंग नैमिषारण्य (Miraculous Shivling Naimisharanya) कहा जाता है।

भक्त अक्सर दो फल लेकर प्रार्थना करते हैं – “एक फल भगवान स्वीकार करें और दूसरा प्रसाद के रूप में लौटाएँ।” माना जाता है कि दोनों फल जल में समा जाते हैं और फिर एक फल प्रसाद बनकर वापस भक्त के पास पहुँचता है। यह चमत्कार भक्तों की आस्था को और मजबूत करता है।
Naimisharanya Rudravarta Teerth: आस्था और मान्यताएँ
नैमिषारण्य का यह तीर्थ स्थल केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि भक्ति और विश्वास का केन्द्र है। श्रद्धालुओं इसे UP का चमत्कारी शिवलिंग मानते हैं। माना जाता है कि यहाँ पूजा करने से मानसिक और शारीरिक रोग दूर होते हैं। जो भक्त सच्चे मन से भगवान शिव (Lord Shiva) का स्मरण करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
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कहा जाता है कि यहाँ की गई पूजा से जीवन की सभी बाधाएँ समाप्त होती हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग खुलता है। यही कारण है कि Rudravarta Temple Sitapur देशभर से आने वाले भक्तों के लिए विशेष आस्था स्थल है।
Naimisharanya Rudravarta Teerth रुद्रावर्त तीर्थ का महत्व
Naimisharanya Rudravarta Teerth का उल्लेख पुराणों और महाभारत में भी मिलता है। यह तीर्थ सीतापुर जिले में स्थित है और चक्रतीर्थ से करीब सात किलोमीटर की दूरी पर गोमती नदी के तट पर है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु न केवल भगवान शिव की पूजा करते हैं, बल्कि नैमिषारण्य क्षेत्र के अन्य पवित्र स्थलों का भी दर्शन करते हैं।
कैसे पहुँचे नैमिषारण्य (How to Reach Naimisharanya)
सड़क मार्ग:
लखनऊ से नैमिषारण्य की दूरी लगभग 110 किलोमीटर है। लखनऊ, सीतापुर, हरदोई और कानपुर से यहाँ तक बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।
रेल मार्ग:
नजदीकी रेलवे स्टेशन सीतापुर है, जो नैमिषारण्य से लगभग 25 किलोमीटर दूर है।
मुख्य मार्ग:
लखनऊ → सीतापुर रोड → सिधौली → नैमिषारण्य।
प्रमुख दर्शनीय स्थल
Naimisharanya Rudravarta Teerth के अलावा भी कई महत्वपूर्ण स्थल हैं:
चक्रतीर्थ:
मान्यता है कि यहीं पर ब्रह्मा जी का दिव्य चक्र आकर गिरा था। यहाँ का पवित्र जलकुंड आज भी रहस्य से भरा है, क्योंकि इसकी असली गहराई का पता कोई नहीं लगा पाया। कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से सभी तीर्थों का पुण्य एक साथ प्राप्त हो जाता है।श्रद्धालु मानते हैं कि यहाँ स्नान करने से पापों का क्षय होता है और मन को शांति मिलती है।
हनुमान गढ़ी
यह स्थान भगवान हनुमान की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। भक्त विश्वास करते हैं कि यहाँ दर्शन करने से सभी भय और संकट दूर हो जाते हैं। विशेषकर मंगलवार और शनिवार को यहाँ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। हनुमान गढ़ी को नैमिषारण्य का अवश्य दर्शन करने योग्य स्थल माना जाता है।
व्यास गद्दी
यह स्थान महर्षि वेदव्यास जी की तपोभूमि है। मान्यता है कि यहीं पर व्यास जी ने अपने शिष्यों को वेद, पुराण और महाभारत का उपदेश दिया था। यह जगह ज्ञान, तप और अध्यात्म का अद्भुत संगम है। आज भी यहाँ साधक और भक्त ध्यान व साधना के लिए आते हैं।
निष्कर्ष
Naimisharanya Rudravarta Teerth न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत का एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है। यहाँ का अदृश्य शिवलिंग और लौटने वाला प्रसाद भक्तों की आस्था और विश्वास को और गहरा करता है। यही वजह है कि इसे Uttar Pradesh के सबसे चमत्कारी धार्मिक स्थलों (Uttar Pradesh Religious Places) में गिना जाता है। यदि आप भी भगवान शिव की दिव्य कृपा का अनुभव करना चाहते हैं, तो एक बार नैमिषारण्य अवश्य जाएँ।
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