Bareilly News: एफसीआई ( FCI ) के रसुइया गोदाम को हैंडलिंग ठेकेदार ने टोल नाका बना दिया है। जब तक ठेकेदार की लेबर डाले के नाम पर अवैध वसूली नहीं लेती तब तक ट्रक लोड नहीं होता है। यह खेल काफी लंबे समय से चला आ रहा है। कई ट्रक चालकों के साथ विरोध करने पर मारपीट तक हो चुकी है। ऐसे में ट्रक चालक गुंडा टैक्स देने में ही अपनी भलाई समझते हैं।

बरेली के रसुइया में स्थित एसडब्ल्यूसी का गोदाम एफसीआई ( FCI ) ने किराये पर ले रखा है। इस गोदाम से ही जिले में 80 प्रतिशत राशन की सप्लाई होती है। जिले में एक लाख अस्सी हजार कुंतल राशन का उठान होता है। यानी करीब 2 लाख 88 हजार कट्टे रसुइया गोदाम से उठते हैं। माल हैंडलिंग का ठेका रूपचंद गंगवार के पास है। रूपचंद का काम रेल रैक से आए खाद्यान्न को उतरवाना और ट्रकों में लोड कराने का है। आरोप है कि ठेकेदार की लेबर इसके एवज में प्रति कट्टे 1 रुपये 40 पैसा अवैध वसूली करती है। जिसके चलते हर महीने लाखों रुपए की अवैध वसूली होती है।
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ऐसा नहीं है कि अफसर और गोदाम के कर्मचारी टोल नाका के इस खेल से अनजान है, सब कुछ जानकारी में होने के बाद भी यह डाला वसूली के नाम पर गुंडा टैक्स उनकी नजरों के सामने वसूला जा रहा है, इसमें कर्मचारियों से लेकर अफसरों तक की हिस्सेदारी होती है, इसी कारण सब मौन रहते हैं।
FCI गोदाम में कट्टे काटकर राशन किया जा रहा चोरी
रसुइया गोदाम पर कट्टे काटकर राशन की चोरी भी की जा रही है। ठेकेदार की लेबर कट्टों से राशन निकालकर नए कट्टे बना लेती हैं, इसके बाद इन कट्टों को बेचकर मिलने वाली रकम का बंदरबांट कर लिया जाता है, इसमें भी एसडब्ल्यूसी और एफसीआई के अफसरों का भी हिस्सा होता है। कुछ समय पहले गोदाम से बिकने जा रहा माल एफसीआई के अफसरों ने पकड़ लिया था, लेकिन एसडब्ल्यूसी के अधिकारियों ने मामले में लीपापोती कर दी।
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अवैध वसूली के लिए चर्चा में रहा है ठेकेदार
FCI के इस गोदाम पर हैंडलिंग का ठेका लेने वाला ठेकेदार रूपचंद अवैध वसूली को लेकर काफी चर्चाओं में रह चुके है। बीते दिनों कम वजन के कट्टे देने के चलते मारपीट तक हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी यह खेल बंद नहीं हुआ है।
गोदाम पर अवैध वसूली का मामला जानकारी में नहीं है। मैं स्वास्थ्य खराब होने के कारण गोदाम पर जा नहीं पा रहा हूं।
– रूपचंद गंगवार, हैंडलिंग ठेकेदार