LT Exclusive: पावर कारपोरेशन (Power Corporation) में वसूली के लिए सब जायज है फिर चाहे वह नौकरी से हटाए गए कंप्यूटर ऑपरेटरों को फिर से रखने का ही मामला क्यों न हो। यह खेल किया गया एक कंप्यूटर ऑपरेटर के जरिये, जोकि बदायूं अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में तैनात है और स्टेनो का काम देखता है। इस मामले की बिसौली विधायक आशुतोष मौर्य ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से शिकायत की है, जिस पर जांच शुरू हो गई है।
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बदायूं में तैनात अधीक्षण अभियंता अखिलेश कुमार ने पावर कारपोरेशन के उच्च अधिकारियों की संस्तुति पर करीब 100 संविदा कर्मचारियों को सेवा से बाहर कर दिया था। बाद में कुछ कर्मचारियों को आर्थिक समझौते के आधार वापस सेवा में रख लिया गया। इनमें कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिन पर विभाग में दंगा, तोड़फोड़ करने जैसी घटनाओं में शामिल होने के आरोप हैं।
Power Corporation के कंप्यूटर ऑपरेटर ने साठगांठ कर अपने करीबियों को लगवाया
विधायक ने अपने पत्र में अधीक्षण अभियंता अखिलेश कुमार के कंप्यूटर ऑपरेटर सालिम सैफी को पूरे मामले का सूत्रधार बताया है। धनबल के दम पर सालिम सैफी ने अपने सगे संबंधियों और करीबियों को दोबारा पावर कारपोरेशन में तैनाती दिलाई है, इनमें अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम के कंप्यूटर ऑपरेटर शहंशाह आलम, फैजानुद्दीन, आजम सैफी, तौफीक हुसैन, पवन कुमार, रिशाद अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय, सोएब अंसारी, तौफीक अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड तृतीय और चतुर्थ में कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी को आर्थिक समझौते के आधार पर सालिम सैफी के जरिये दोबारा नियम विरुद्ध नियुक्ति दी गई है।
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Power Corporation के कर्मचारी नेता बोले- स्टेनो नहीं कंप्यूटर ऑपरेटर है सालिम सैफी
सालिम सैफी पावर कारपोरेशन में संविदा पर कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात है। हालांकि वह कामकाज स्टेनो का देखता है। विभाग के ज्यादातर लोग भी उसे स्टेनो ही समझते थे, लेकिन मामला सुर्खियों में आने पर विद्युत परिषद आशुलेखक संघ के अध्यक्ष चक्रपाणि कटिहा ने स्पष्ट किया है कि सालिम सैफी स्टेनो न होकर कंप्यूटर ऑपरेटर है।
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