Faridpur Bilpur Overbridge। Bareilly News : फरीदपुर और बिलपुर रेलवे क्रॉसिंग पर आवेरब्रिज का निर्माण करा रहे ठेकेदार ने लोकतंत्र टुडे में खबर छपने के बाद दोनों ही जगह सर्विस लेन का काम शुरू करा दिया है। पिछले दिनों लोकतंत्र टुडे ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए ठेकेदार की मनमानी उजागर की थी।
बरेली के फरीदपुर और फतेहगंज पूर्वी में बिलपुर रेलवे क्रॉसिंग पर सेतु निगम ने ओवरब्रिज निर्माण का ठेका अनिल एसोसिएट नामक फर्म को दिया है। दोनों जगह ओवरब्रिज निर्माण में फर्म जमकर मनमानी कर रही थी। ओवरब्रिज बनाने के साथ ही बिजली लाइन शिफ्टिंग का काम भी इसी फर्म को मिला है।

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बताते हैं कि अनिल एसोसिएट के पास बिजली का काम करने का कोई पूर्व अनुभव नहीं है लेकिन सेतु निगम के बड़े अधिकारियों की दयादृष्टी से उसे लाइन शिफ्टिंग का काम भी मिल गया। यह लखनऊ में बैठे सेतु निगम के कुछ बड़े अधिकारियों कृपा से मुमकिन हो पाया क्योंकि वे इस फर्म में साइलेंट पार्टनर हैं।

निर्माण कार्य शुरू करने से पहले बनानी होती है सर्विस लेन
कोई भी ठेकेदार जहां भी फ्लाईओवर और ओवरब्रिज का निर्माण कराता है तो नियमानुसार काम शुरू करने से पहले उसे सर्विस लेन बनानी होती है ताकि इलाके के लोगों को आवागमन में परेशानी न हो लेकिन ठेकेदार काम के अंतिम चरण में सर्विस लेन बनाते हैं, इसके पीछे भी बड़ा खेल होता है। विभागीय इंजीनियरों के मुताबिक एक साइट पर सर्विस लेन और नाली निर्माण कराने में करीब 50 लाख रुपये का खर्चा आता है।
यही वजह रही कि Faridpur Bilpur Overbridge का निर्माण शुरू कराने से पहले ठेकेदार ने सर्विस लेन का निर्माण नहीं कराया। जब लोकतंत्र टुडे ने जनता को हो रही परेशानी और ठेकेदार की निर्माण कार्य में मनमानी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया तो सर्विस लेन निर्माण का कार्य शुरू हुआ।
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ऐसे में यदि एक पुल औसतन दो साल में तैयार होता है तो उसे दो बार सर्विस लेन बनानी पड़ेगी, इसके साथ ही बीच-बीच में मरम्मत पर खर्चा करना होगा। ऐसे में करीब 70-80 लाख रुपये खर्च हो जाता है लेकिन ठेकेदार पुल का काम खत्म होने के बाद सर्विस लेन बनाकर इस पैसे को अफसरों के साथ मिलकर हजम कर जाता है, जबकि यह सब टेंडर की शर्तों में शमिल होता है।
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कावंड़ यात्रा के दौरान भी नहीं बनाई थी Faridpur Bilpur Overbridge की सर्विस लेन
पिछले साल कांवड़ यात्रा के दौरान ठेकेदार पर फतेहगंज पूर्वी में कांवड़ियों की सहूलियत के लिए बिलपुर क्रॉसिंग पर सर्विस लेन बनाने का दबाव डाला गया था। सेतु निगम के अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों को भी पत्र लिखे थे लेकिन ठेकेदार ने किसी की नहीं सुनी। नतीजतन कांवड़ियों को ऊबड़-खाबड़ रास्ते से होकर गुजरना पड़ा। ठेकेदार ने Faridpur Bilpur Overbridge में से किसी की भी सर्विस लेन नहीं बनाई।
ठेकेदार की मनमानी के पीछे सबसे बड़ी वजह उसकी फर्म में सेतु निगम के कुछ बड़े इंजीनियरों की हिस्सेदारी होना है। उनका मोटा पैसा ठेकेदार की फर्म में लगा है, इनमें एक बड़े अधिकारी रिटायर हो चुके हैं, उनके रिश्तेदार मुख्यालय में महत्वपूर्ण सीट पर काबिज हैं इसलिए स्थानीय अधिकारी उसके आगे बेबस हैं और ठेकेदार की निर्माण कार्य में मनमानी चलती रहती है।