लोकतंत्र टुडे संवाददाता
Loktantra Today Exclusive। Bareilly News: घूसखोरी के आरोप में निलंबित किए गए पावर कारपोरेशन के अधिशासी अभियंता महावीर सिंह (33 केवीए वर्टिकल) को लिफाफा देने वाला कोई और नहीं बल्कि Power Corporation के अधिशासी अभियंता थे। लोकतंत्र टुडे की पड़ताल में इसका खुलासा हुआ है। यह अधिशासी अभियंता विभाग में काफी पावरफुल हैं और एक गुरुजी के चहेते हैं। यही वजह रही कि वीडियो वायरल करने वाले ने उनका चेहरा छिपा दिया।
यह था पावर कारपोरेशन में भ्रष्टाचार का मामला
बरेली में तैनात पावर कारपोरेशन के अधिशासी अभियंता महावीर सिंह (33 केवीए वर्टिकल) का 14 मई को एक शख्स से पांच-पांच सौ रुपये की दो गड्ढी लेते वीडियो वायरल हुआ था। इसके अगले ही दिन उनकी महिला कंप्यूटर ऑपरेटरों के साथ व्हाट्सएप चैट वायरल हुई थी। इसके बाद मुख्य अभियंता ज्ञान प्रकाश ने दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा।

जांच के दौरान ही उनका एक और वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वह एक व्यक्ति से लिफाफा लेकर फाइल पर साइन करते दिख रहे थे। प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी रिया केजरीवाल ने 23 मई को अधिशासी अभियंता महावीर सिंह को निलंबित कर दिया। उन्हें बरेली से हटाकर मुख्य अभियंता कार्यालय अयोध्या से संबद्ध कर दिया गया है।
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लोकतंत्र टुडे की पड़ताल में सामने आया नाम
लोकतंत्र टुडे ने वायरल वीडियो की गहराई से पड़ताल की तो एक्सईएन महावीर सिंह को लिफाफा देकर फाइल पर साइन कराने वाले अधिशासी अभियंता का नाम सामने आया। हमारी टीम ने लिफाफा देने वाले शख्स के हाथ में पहने कड़े, अंगूठी और स्मार्ट वॉच समेत दो मोबाइल और फाइल के बारे में छानबीन की तो पता चला, जिस रंग की सरकारी फाइल उस शख्स के हाथ में थी उसका इस्तेमाल केवल पावर कारपोरेशन के वर्टिकल कॉमर्शियल-2 में होता है।
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फाइल से यह तो पता चल चुका था कि यह किस कार्यालय से संबंधित है। अब हमें तलाश थी ऐसे व्यक्ति की जो हाथ में काली स्मार्ट वॉच, कड़ा, अंगूठी और पूरी आस्तीन की शर्ट पहनता हो, इसके साथ ही उसके पास दो मोबाइल हों, जिनमें एक पर फ्लैप वाला काला कवर लगा हो। जब ऐसे शख्स की तलाश की गई तो पता चला कि यह कोई और नहीं वर्टिकल कमर्शियल-2 के अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान हैं।

लिफाफा देने वाले को ही बनाया जांच कमेटी का सदस्य
अधिशासी अभियंता महावीर सिंह का पहला वीडियो वायरल हुआ तो मुख्य अभियंता ज्ञान प्रकाश ने दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी, इसमें अधीक्षण अभियंता ग्रामीण ज्ञानेंद्र सिंह और अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान शामिल थे, लेकिन जांच कमेटी में शामिल होने के बाद अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान ने किसी को यह नहीं बताया कि महावीर सिंह को लिफाफा देने वाला शख्स कोई और नहीं वह खुद हैं।
अधिशासी अभियंता की पावर से हिलता है Power Corporation
अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान विभाग में इतने पावरफुल माने जाते हैं कि पूरा पावर कारपोरेशन उनकी पावर से घबराता है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि वह पावर कारपोरेशन के एक गुरुजी के सबसे घनिष्ठ चेले हैं। उनके खिलाफ होने वाली सभी शिकायतें ठंडे बस्ते में डाल दी जाती हैं। सत्येंद्र चौहान पूरे विभाग में इस बात का बखान करते नहीं थकते कि वह एक मुख्य अभियंता समेत कई अधिकारियों को निपटा चुके हैं।
वीडियो को एडिट करके की पहचान छिपाने की कोशिश
अधिशासी अभियंता का लिफाफा लेते जो दूसरा वीडियो वायरल किया गया वह 21 मार्च 2025 की दोपहर 12 बजे के आसपास का है। इस वीडियो में अधिशासी अभियंता महावीर सिंह तो लिफाफा लेकर फाइल पर साइन करते दिख रहे हैं लेकिन देने वाला शख्स नहीं दिख रहा है, जबकि इससे पहले जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें पैसा देने वाले का चेहरा नहीं छुपाया गया था। यह इसलिए किया गया ताकि लिफाफा देने वाले अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान की पहचान न उजागर हो सके।