बरेली। प्यार की खातिर दो मुस्लिम युवतियों ने धर्म परिवर्तन कर अपने प्रेमियों के साथ मंदिर में सात फेरे लिए। दोनों युवतियों ने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की भी मांग की है।
बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में दो मुस्लिम युवतियों ने हिंदू धर्म अपना लिया। इसके बाद आश्रम के आचार्य केके शंखधार ने हिंदू रीति रिवाज से दोनों का विवाह कराया। महक खानम मूल रूप से रामपुर जिले के थाना तहसील सदर के गुर्जर टोला मियां खेल की निवासी हैं। महक ने प्रेमी से शादी करने के बाद अगस्त्य मुनि आश्रम के महंत केके शंखधार को बताया कि उनके पिता काम के सिलसिले में बरेली आए थे। अब काफी समय से वह लोग किला के जखीरा मोहल्ले में रहते हैं।
महक खुद भी कारचोबी कारीगर हैं। इसी दौरान उसकी जान पहचान अंश सक्सेना से हुई। दोनों में प्यार हो गया। प्रेमी अंश सक्सेना के बारे में बताया कि वह पड़ोस में रहने वाली आंटी के पास आते थे। दोनों में दोस्ती हो गई। अंश की हिम्मत नहीं हुई तो उसने दोस्त के जरिये प्यार का पैगाम भिजवाया था।
महक ने बताया कि उसने अब अपना नाम सोनम सक्सेना रख लिया है। महक ने कहा कि उन्हें लगता है कि हिंदू धर्म में महिलाएं ज्यादा आजादी से जी सकती हैं। इसलिए भी उसने धर्म परिवर्तन का फैसला किया। इसमें किसी की जोर जबरदस्ती नहीं है। अपनी मर्जी से उसने धर्म परिवर्तन किया है।
राहुल की हुई रिफा
देवरनिया थाना क्षेत्र के उदरा निवासी रिफा बी ने प्रेमी राहुल के साथ शादी करने से पहले धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया अपनाई। रिफा ने बताया कि वह पांच साल से राहुल को जानती हैं। वह स्कूल जाती थीं तो राहुल रास्ते में मिलते थे। एक दिन राहुल ने उनसे प्यार का इजहार किया, फिर दोनों ने शादी का मन बना लिया। रिफा ने कहा कि सभी धर्म अच्छे हैं। वह अच्छी बातें बताते हैं। परमात्मा एक ही है। बस लोग अपनी धारणा के मुताबिक अच्छी और बुरी बातें निकालते हैं। कहा कि हिंदू धर्म में जो देवी-देवता हैं, अब उनकी पूजा-पाठ की विधि सीखेंगी।