बरेली। थाना शीशगढ़ की चौकी इंचार्ज बंजरिया को एंटी करप्शन की टीम ने दो दिन पहले 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में इंस्पेक्टर शीशगढ़ पर भी आरोप लगे हैं और विभागीय जांच शुरू हो गई है। हालाँकि रिश्वतखोर दरोगा एक सत्ताधारी नेता से अपनी नजदीकियां बताकर रौब झाड़ता था।
बंजरिया पुलिस चौकी के इंचार्ज जितेंद्र सिंह को शनिवार को एंटी करप्शन की टीम ने 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। चौकी इंचार्ज के कमरे की जब तलाशी ली गई तो वहां रखे बैग में 1 लाख 6 हजार रुपये भी मिले। चौकी इंचार्ज ने बताया कि रुपये फॉलोअर के मकान बनवाने के लिए इकट्ठे किए गए हैं। हालांकि इसका कोई सुबूत नहीं मिला। माना जा रहा है कि ये रुपये भी उगाही के हैं। जांच यह भी की जा रही है कि चौकी इंचार्ज के पास यह रुपये कहां से आए। साफ है कि चौकी इंचार्ज ने और भी लोगों से वसूली की है।
शीशगढ़ थाने के इंस्पेक्टर की नहीं सुनता था दरोगा
जानकार बताते है की बंजरिया चौकी इंचार्ज शीशगढ़ थाने के इंस्पेक्टर की भी नहीं सुनता था। पिछले दिनों एक मामले में इंस्पेक्टर से रिश्वतखोर दरोगा भिड भी गया था। चर्चा है कि दरोगा पर सत्ताधारी एक नेता का हाथ था, जिसकी वजह से दरोगा की शिकायत के बाद भी उसपर सुनवाई सुनवाई नहीं होती थी। यही कारण था कि चौकी इंचार्ज के हौसले इतने बढ़े हुए थे कि बगैर पैसे के वह कोई काम नहीं करता था।
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