बरेली। क्योलड़िया के मेथी गांव निवासी रुखसार और बहेड़ी के शकरस गांव निवासी कुमेंद्र दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। दोनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खाईं और बुधवार को रुखसार कुमेंद्र की राधा बन गई। रुखसार ने बताया कि भगवान राम में उनकी गहरी आस्था है।
बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र के भीटानाथ महादेव मंदिर में बुधवार को कुमेंद्र अपनी प्रेमिका रुखसार के साथ पहुँचे। इन दोनों ने विवाह करने की इच्छा जताई। कुमेंद्र की तरफ से उनके माता-पिता और रिश्तेदार मौजूद थे। रुखसार के पक्ष से हिन्दू संगठन के सदस्य मंदिर में आए। शादी से पहले रुखसार ने शुद्धिकरण करवा के हिन्दू धर्म स्वीकार किया।
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रुखसार ने शुद्धिकरण के बाद अपना नाम राधा रखा। रुखसार ने बताया कि बचपन से ही उनकी आस्था भगवान राम में रही है। शुद्धिकरण के बाद 20 वर्षीया रुखसार ने वैदिक विधि-विधान से कुमेंद्र कुमार को अपना जीवनसाथी चुना। इस दौरान उन्होंने मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं को बारी-बारी प्रणाम किया और उनके जयकारे लगाए। शादी के बाद जय श्रीराम के सामूहिक नारे लगाए गए। रुखसार ने इस शादी से खुद को बेहद खुश बताया।
पांच दिन पहले देहरादून से आए थे घर
रुखसार के पिता का पहले ही देहांत हो चुका है। परिवार में सिर्फ मां और तीन भाई हैं। जब रुखसार ने कुमेंद्र से शादी की बात परिवार वालों से की तो उन्होंने इसका विरोध कर दिया। पांच दिन पहले दोनों देहरादून से अपने-अपने घर आ गए। परिवार को मनाने का प्रयास किया लेकिन नहीं माने।
धर्म परिवर्तन के बाद नाम रखा राधा
इसके बाद तीन दिन पहले रुखसार ने अपना घर छोड़ दिया और कुमेंद्र के पास आ गई। बात जब हिंदू संगठनों तक पहुंची तो उन्होंने दोनों का विवाह इज्जतनगर के भीटा नाथ मंदिर में करा दिया। धर्म परिवर्तन के बाद रुखसार ने अपना नाम बदलकर राधा रख लिया है।