नई दिल्ली / बरेली। होम्योपैथी के जनक सैमुएल हैनीमैन की 270 वीं जयंती नई दिल्ली के यशोभूमि में मनाई गई। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने होम्योपैथी के विस्तार में उनके योगदान की सराहना की।

यशोभूमि में विश्व के सबसे बड़े होम्योपैथिक समागम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने होम्योपैथी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विश्व होम्योपैथी दिवस का प्राथमिक लक्ष्य दुनिया भर के चिकित्सकों और समर्थकों को एक साथ लाकर होम्योपैथी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। वक्ताओं ने कहा कि होम्योपैथी के जनक सैमुएल हैनीमैन ने मानवता को एक बड़ी पद्धति दी है। जिससे करोड़ो लोगों का सहज, उपचार हो रहा है। इन दवाओं से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। रोग लक्षण एवं औषधि लक्षण में जितनी समानता होगी, रोगी के स्वस्थ होने की संभावना भी उतनी ही अधिक होगी। कार्यक्रम से पहले हैनीमैन के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया।
राष्ट्रपति के साथ आठ पदमपुरूस्कार सम्मानित विभूतियां भी समारोह में उपस्थित रहीं। बरेली से बहेड़ी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व हर्बल होम्यो मल्टीस्पेशलिटी होम्योपैथिक क्लीनकि के डा. शिखर शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि हैनीमैन ने विश्व को हानिरहित, सुलभ और अन्य पैथी चिकित्सा से सस्ती चिकित्सा का वरदान दिया।
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