बरेली। चंद दिनों में करोड़ों का साम्राज्य खड़ा करने वाले बिल्डर और ठेकेदार रमेश गंगवार को आखिर आईएएस, आईपीएस और नेता नहीं बचा पाए। तीन दिन से उनके आफिस और घर पर इनकम टैक्स की टीमों ने जांच पड़ताल कर रही हैं। इसके साथ ही टयूलिप ग्रांड के फ्लैट में बोरों में मिले रजिस्ट्री और एग्रीमेंट के दस्तावेजों ने जांच का रुख शहर के बड़े बदनाम बिल्डरों की ओर मोड़ दिया है। इनकम टैक्स की टीम ने बिल्डर हरप्रीत सिंह रिंकू से पूछताछ कर उनका मोबाइल जब्त कर हाउस अरेस्ट कर लिया है। बताया जाता है कि टयूलिप ग्रांड के आफिस में बिल्डरों का कच्चा चिट्ठा इनकम टैक्स की टीम के हाथ लगा है।
शुक्रवार को सुनील सिंह और भानू गंगवार के घरों से जांच पड़ताल कर इनकम टैक्स की टीमें चली गईं। लेकिन टयूलिप ग्रांड स्थित फ्लैट, अर्बन कोआपरेटिव बैंक के सामने सत्य साईं बिल्डर रमेश गंगवार के आफिस को कैंप बनाकर जांच पड़ताल जारी रही। माडल टाउन के रहने वाले बिल्डर हरप्रीत रिंकू को पहले टीम ने जांच के लिए टयूलिप ग्रांड बुलाया। बाद में उनके स्टेडियम रोड स्थित आफिस में भी घंटों पूछताछ की गई है। टयूलिप ग्रांड के फ्लैट में सबसे ज्यादा दस्तावेज हरप्रीत सिंह रिंकू, गुरप्रीत सिंह बाॅबी, एलायंस बिल्डर के मिले हैं। इनकम टैक्स की टीम ने सभी बिल्डरों की सूची तैयार की है।
ठेकेदार रमेश गंगवार, भानू और सुनील सिंह की जांच रिपोर्ट तैयार हो गई है। प्राथमिक रिपोर्ट में लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज की इनकम टैक्स की टीमों के अफसरों ने अपने दस्तखत किए हैं। इसके अलावा बरेली जोन के इनकम टैक्स कमिश्नर भी शुक्र्वार दोपहर रमेश गंगवार के आफिस पहुंचे। उन्होंने टीमों से बातचीत कर जायजा लिया। इसके बाद इस पूरे मामले की रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई है।
रमेश गंगवार के कई बिल्डरों से कनेक्शन सामने आ रहे हैं जिसके चलते बिल्डरों में बेचैनी है। जानकारों की माने तो शहर के कई बिल्डर अपना मोबाइल बंद कर फरार हो गए हैं। कुछ ने अपने घरों से कैश और ज्वैलरी रिश्तेदारों के घरों पर शिफ्ट कर दी है।
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