बरेली। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के सख्त दिशानिर्देशों के बाद भी जिले भर में तमाम ईंट भट्ठे ऐसे चल रहे हैं जिन्होंने अभी तक ऩवीन जिगजैग टेक्नोलॉजी को नहीं अपनाया है। एनजीटी ने जिगजैग प्रणाली से संचालित नहीं होने वाले सभी ईंट भट्ठों को अवैध करार देते हुए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जिम्मेदार अधिकारियों को इन्हें तत्काल बंद कराने के निर्देश भी दे रखे हैं लेकिन मोटे सुविधा शुल्क के लालच में अभी तक ऐसे ईंट भट्ठों के विरुद्ध कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।
आपको बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी में प्रदूषण फैलाने वाले ईंट भट्ठों की लगातार शिकायतें पहुंचती रहती हैं लेकिन अफसरों की रिश्वतखोर प्रवृत्ति के चलते ही इन सबको दबा दिया जाता है और ऐसे ईंट भट्ठा मालिकों के विरुद्ध कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती।
बताते चलें कि बीते दिनों लोकप्रिय लोकतंत्र टुडे समाचार पत्र ने बरेली में बड़ी तादाद में चल रहे अवैध ईंट भट्ठों का खुलासा किया गया था। जिसमें सैकड़ों की तादात में बंदी आदेश वाले ईंट भट्ठों का भी जिक्र किया गया था। सूत्रों की मानें तो इन अवैध ईंट भट्ठों के संचालन में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी शामिल बताए जा रहे हैं। एनजीटी कई बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के पेंच भी कस चुका है लेकिन इसके बावजूद एनजीटी के निर्धारित मानकों के विपरीत धड़ल्ले से अवैध भट्ठे चलाए जा रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भट्ठा संचालकों से अवैध भट्ठा चलाने के एवज में मोटी रकम वसूलते हैं। यहां गौरतलब है कि एनजीटी ने अपने आदेश में एक अप्रैल 2024 से जिगजैग प्रणाली से ही भट्ठों का संचालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए थे। साथ ही देश और प्रदेश के सभी जिलों में कार्यरत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को भी स्पष्ट आदेश दिए थे कि प्रदूषण फैलाने वाली इकाई किसी भी दशा में संचालित नहीं हो पाएं। इसके बावजूद जिले भर में बगैर जिगजैग प्रणाली को अपनाए और बंदी आदेश के बाद भी सैकड़ो ईंट भट्ठे प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के सूची में होने के बाद भी चल रहे हैं। वही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने मौन साध लिया हैं।
मंत्री के जिले में बेलगाम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर
प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार बरेली जनपद से ही हैं। फिर भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर बेखौफ होकर अवैध भट्ठों का संचालन करा रहे हैं। ऐसे में प्रदेश के बाकी जिलों की स्थिति क्या होगी, इसे समझा जा सकता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी रोहित सिंह से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जिन भट्ठों के बंदी आदेश जारी हो चुके हैं और वर्तमान समय में चल रहे हैं, उन सभी को जिलाधिकारी के आदेश के बाद ही बंद कराया जायेगा। साथ ही बिना जिगजैग प्रणाली और अवैध रूप से चलने वाले भट्ठों को जिलाधिकारी के आदेश जारी होने के बाद संबंधित तहसीलों के क्षेत्रीय एसडीएम व थानों की पुलिस फोर्स के साथ मौके पर जाकर जल्द बंद कराएंगे।
इस संबंध में क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रोहित सिंह ने बताया पिछले काफी समय से वरिष्ठ अधिकारियों को लगातार कई बार पत्राचार भी किया जाता रहा है। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अभी तक मजिस्ट्रेट और आवश्यक पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। जिसके चलते कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। उन्होंने भट्ठा मालिकों से मोटा सुविधा शुल्क लेकर अवैध ईंट भट्ठों को बंद नहीं करवाने के आरोप को निराधार और तथ्यहीन करार दिया है।
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