बरेली। पूर्वोत्तर रेलवे मंडल इज्जतनगर के अस्पताल में तैनात लिपिक विनीत अरोरा को हटा दिया गया है। विनीत अरोरा और मंडल अस्पताल के सीएमएस के बीच पिछले काफी समय से विवाद चल रहा था। विनीत अरोरा को डॉ आशुतोष शंखधार का करीबी बताया जाता है। पिछले काफी समय से टेंडरों में चल रही गड़बड़ी या फिर अपने चहेते को काम न मिलने के कई मामले सामने आए थे जिसकी शिकायत डीआरएम तक पहुंच गई। जिसके बाद डीआरएम ने मामले की जांच कराई जिसके बाद विनीत अरोरा को मंडल अस्पताल से हटाकर ईएनएचएम में ट्रांसफर कर दिया गया।
विनीत अरोरा के ट्रांसफर के बाद अस्पताल के दो डॉक्टरों में जमकर विवाद भी हुआ। विभागीय जानकारों का कहना है कि अरोरा मेडिकल अनफिट ग्राउंड पर बाबू बने थे। मेडिकल में अब यह चर्चा आम हो गई है कि मेंटल अनफिट बताकर अरोरा को सेफ्टी और सेंसटिव सीट न देने की नोटिंग के साथ उनको अनफिट किया गया है उसके बाद भी वह करीब चार साल से अधिक समय तक अस्पताल में सेंसटिव सीट पर कैसे तैनात रह गए। ईएनएचएम में ट्रांसफर होने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है कि ईएनएचएम के एक बड़े अधिकारी से अरोरा का पूर्व में विवाद भी हो चुका है ऐसे में उसको आने वाले समय मे काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें कि रेलवे में कई मठाधीश बाबू अधिकारियों की कमियां पकड़कर उन्होंने विजिलेंस जांच की धमकियां देकर कुर्सी बचाये पड़े हैं।