बरेली। शाहजहांपुर से शनिवार को अपहृत 15 दिन की बच्ची नवाबगंज पुलिया के नीचे से जिंदा बरामद हुई है। बदमाश बच्ची को बैग में भरकर रविवार देर शाम नवाबगंज के गरगईया गांव की पुलिया के नीचे फेंक गए। वहां से गुजरी गौ रक्षा विभाग की टीम ने बैग को देख उठाया तो उसमें एक बच्ची थी।
रविवार देर शाम शाम विश्व हिंदू परिषद के गो रक्षा विभाग के अध्यक्ष कमल किशोर शर्मा ने गरगईया गांव की पुलिया के पास एक घायल सांड देखा। उसे दवा लगाने के लिए जब वह पुलिया के पास पहुंचे तो उन्हें एक बैग पड़ा दिखा। बच्ची के रोने की आवाज पर उन्होंने बैग को उठाकर देखा। अंदर करीब एक सप्ताह की बच्ची थी। उसकी सांसें चल रहीं थीं। बच्ची ने स्वेटर व अन्य कपड़े पहने हुए थी। तुरंत ही उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची डायल 112 पुलिस बच्ची को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। यहां बच्ची की स्वास्थ्य जांच करने के साथ ही जरूरी उपचार दिया गया। वहां से उसे जिला अस्पताल के लिए भेज दिया गया। जानकारी करने पर पता चला कि बच्ची शनिवार को शाहजहांपुर से अपहृत की गई थी।
नवाबगंज पुलिस ने शाहजहांपुर पुलिस को बैग में मिली बच्ची का फोटो भेजा। परिजनों ने बच्ची की पहचान अपनी बेटी के तौर पर की। आपको बतादें कि शनिवार दोपहर शाहजहांपुर गांव कोठामंझा निवासी रविंद्र की पत्नी संगीता अपनी सास मिथिलेश के साथ 15 दिन की बच्ची की दवा लेकर गांव लौट रही थीं। बझेड़ा चौराहे से गांव जाने वाली रोड पर पैदल जाते समय बाइक सवार दो बदमाश संगीता की गोद से बच्ची को छीनकर भाग गए थे।
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