बरेली। चौकी चौराह के पास स्थित सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में अपनी मांगों को लेकर एकजुट हुए रसोइया वेलफेयर एसोसिएशन यूपी की पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारी रसोइयों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा।
जिसमें कहा गया है कि रसोइयों को कई महीने से अपना मानदेय नहीं मिला है, जिसने उनके परिवार में भरण-पोषण को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं स्कूलों में उनसे मिड डे मील बनाने के अलावा कई अन्य कार्य कराए जाते हैं, जोकि पूरी तरह से अन्याय है।
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दरअसल, उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सरकार की तरफ से मिड डे मील खिलाया जाता है। जिसे बनाने के लिए सभी स्कूलों में स्थानीय महिलाओं को रसोइया के तौर पर रखा गया है। जिन्हें सरकार की तरफ से प्रतिमाह दो हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। जिसमें रसोइयों का काम सिर्फ स्कूलों के बच्चों के लिए गर्मागरम मिड डे मील बनाकर खिलाना है। लेकिन रसोइया वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों का आरोप है कि उन्हें प्रतिमाह दो हजार रुपये मिलने वाला मानदेय पिछले कई महीनों से नहीं मिला है। जिसकी वजह से उनका परिवार का खर्च नहीं चल पा रहा है। वहीं स्कूलों में मिड डे मील तैयार करने के अलावा उनसे झाड़ू-पोछा, स्कूल परिसर की फुलवारी या पौधों की सिंचाई जैसे तमाम कार्य कराए जाते हैं। लेकिन सरकार की तरफ से उनके लिए दोपहर के खाने-पीने तक की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं रसोइया वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में छह सूत्रीय मांगें रखी गई हैं। जिसमें रसोइयों को नियमित और सरकारी कर्मचारी घोषित करने, 10 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय करने, हर महीने कम से कम दो अवकाश और रसोइयों का शोषण बंद करने की मांग की है।