डाक्टर साहब रंगीन मिजाज हैं, नब्ज से बुखार नापते-नापते इश्क की डगर नापने लगते हैं। अस्पताल में उनका महिला मित्र के साथ डांस का वीडियो खूब वायरल हुआ था। अब अचानक लेवल से ऊंचा ओहदा मिल गया तो नये चार्ज की खातिर पूरी जोड़तोड़ में जुटे हैं। यह अलग बात है कि जिस अस्पताल की जिम्मेदारी उनको दी गई है, स्वास्थ्य कार्यक्रमों में उसका बेड़ा गर्क हो रहा है।
डाक्टर साहब की नौकरी को अधिक समय नहीं हुआ, अभी लेवल भी नीचे ही है लेकिन सपने हिमालय जैसे ऊंचे। सपनों को पूरा करने की सनक ऐसी चढ़ी कि सबकुछ भूलकर उसके पीछे दौड़ रहे हैं। मिजाज रंगीन है, साथ काम करने वाली महिला मित्र से दोस्ती गांठ ली। इश्क की बात थी, कब तक छुपती। आखिरकार पत्नी तक पहुंची तो कलह हो गई। लेकिन डाक्टर साहब इश्क न छोड़ सके, नतीजा यह हुआ कि पत्नी ने उनको ही छोड़ दिया, बेटा भी साथ ले गई। अब डाक्टर साहब को कमाई का चस्का लगा तो बड़े साहब से नजदीकी बढ़ाने लगे, कामयाबी भी मिली और मलाईदार चार्ज भी। लेकिन इससे पहले कि बात बढ़ती, डाक्टर साहब का छोटा कद आड़े आ गया। बड़े साहब को चार्ज हटाना पड़ गया लेकिन डाक्टर साहब ने फिर नया दांव मारा। चार्ज में सहयोगी बन गए और चार्ज का आईडी-पासवर्ड अपने कब्जे में कर लिया। सइयां भए कोतवाल तब डर काहें का, यही हो रहा है। बड़े साहब ने हाथ सिर पर रखा है और डाक्टर साहब सरपट झोला लिए नोट छापने निकल पड़े हैं। देखना है कि उनकी कोशिश कितना रंग लाती है। वैसे डाक्टर साहब पहले भी कई बार चर्चा में रहे हैं। रंग लगाने के बहाने अस्पताल में डिस्को डांस करवा दिया। इतना नाचे कि ठुमके की आवाज पूरे जिले में सुनाई दे गई थी। नोटिस जारी किया गया, जवाब मांगा गया, चेतावनी दी गई। दरअसल डाक्टर साहब को एक बड़े नेताजी की संरक्षण भी है और इसकी वजह से वह छोटा कद होने के बाद भी पूरी दमदारी से ऊंचे पद के लिए जोर लगा रहे हैं।